31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जयललिता की जब्त संपत्ति की कस्टडी नहीं मिलेगी रिश्‍तेदारों को, विशेष अदालत में याचिका खारिज

अतिरिक्त शहर सिविल और सत्र न्‍यायालय के न्यायाधीश एचए मोहन ने कहा कि रिश्तेदार, जे दीपा और जे दीपक, उन संपत्तियों के हकदार नहीं थे जिन्हें राज्य द्वारा जब्त कर लिया गया है।

2 min read
Google source verification
jayalalithaa

जयललिता की जब्त संपत्ति की कस्टडी नहीं मिलेगी रिश्‍तेदारों को

बेंगलूरु. एक विशेष अदालत ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की जब्त चल संपत्तियों की कस्‍टडी रिश्‍तेदारों को देने की मांग करने वाली एक याचिका खारिज कर दी। जयललिता के भतीजी और भतीजे ने यह याचिका लगाई थी।

अतिरिक्त शहर सिविल और सत्र न्‍यायालय के न्यायाधीश एचए मोहन ने कहा कि रिश्तेदार, जे दीपा और जे दीपक, उन संपत्तियों के हकदार नहीं थे जिन्हें राज्य द्वारा जब्त कर लिया गया है। दीपा और दीपक ने इस आवेदन में दलील दी थी कि मामले में अन्य आरोपियों की तरह जयललिता को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी नहीं ठहराया था।

जब सुप्रीम कोर्ट में अपील लंबित थी तब उसकी मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उसके खिलाफ आरोप हटा दिए गए, जबकि अन्य आरोपियों को दोषी ठहराया गया।

याचिका को खारिज करते हुए, सत्र अदालत ने कहा, सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए स्पष्ट निष्कर्षों का प्रभाव यह है कि सभी चार आरोपियों ने मिलकर मिलीभगत की और नामधारी कंपनियां बनाईं और गलत तरीके से कमाए गए धन का निवेश किया और आय से अधिक संपत्ति हासिल की। वीके शशिकला, जे. इलावरसी और वीएन सुधाकरन आय से अधिक संपत्ति मामले में अन्य आरोपी हैं, जिन्हें दोषी ठहराया गया था।
अदालत ने बुधवार को अपने आदेश में कहा, जब इस अदालत और सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से माना है कि संपत्तियां सबसे अवैध तरीकों को अपनाकर अर्जित की गई थीं, तो सिर्फ इसलिए कि आरोपी नंबर 1 के खिलाफ मामला अंतिम निर्णय सुनाने से पहले समाप्त हो गया था, उनकी जब्‍त संपत्तियां कानूनी उत्तराधिकारियों को नहीं सौंपी जा सकती।

कर्नाटक सरकार के कानून विभाग ने वरिष्ठ वकील किरण एस. जावली को मामले में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया था।

आय से अधिक संपत्ति का मामला 2003 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तमिलनाडु से कर्नाटक स्थानांतरित कर दिया गया था। जयललिता और अन्य को 2014 में सीबीआई मामलों की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था। 11 दिसंबर 1996 को जयललिता के आवास से विवादास्पद संपत्ति जब्त कर ली गई थी।