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आदर तो केवल व्यवहार से ही मिलेगा-साध्वी भव्यगुणाश्री

धर्मसभा का आयोजन

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आदर तो केवल व्यवहार से ही मिलेगा-साध्वी भव्यगुणाश्री

आदर तो केवल व्यवहार से ही मिलेगा-साध्वी भव्यगुणाश्री

बेंगलूरु. ओकलीपुरम स्थित तुलसी एन्क्लेव में विराजित साध्वी भव्यगुणाश्री व साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि शांति की इच्छा हो तो पहले इच्छा को शांत करो। क्योंकि इच्छा वह बला है,जो पूरी ना हो तो क्रोध बढ़ता है, और अगर पूरी हो जाए तो लोभ बढ़ता है। साध्वी भव्यगुणाश्री ने कहा कि बहुत खास होते हैं वह लोग जो आपकी आवाज से ही आपकी खुशी और दुख का अंदाजा लगा लेते हैं। उन्होंने कहा कि उम्र से सम्मान जरूर मिलता है, पर आदर तो केवल व्यवहार से ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि समय के साथ सब कुछ बदल जाता है। उम्र बढऩे के साथ, पहले हम जिद किया करते थे, अब समझौता करते हैं। साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि सुख भोगने के लिए स्वर्ग है तथा दु:ख भोगने के लिए नरक है और सुख-दुख दोनों से ऊंचे उठकर महान आनन्द प्राप्त करने के लिए यह मनुष्य लोक है। उन्होंने कहा कि त्याग स्नेह से बड़ा होता है, चरित्र, सुन्दरता से श्रेष्ठ होता है, मानवता सम्पत्ति से बड़ी होती है। परंतु सम्बंधों को आपस में जीवित रखने से बड़ा कुछ नहीं होता। अत: भरोसा अपने आप पर रखो लोग तो वक्त के साथ बदलते रहते हैं। जैसे लोभी आदमी की दृष्टि धन पर ही रहती है, ऐसे ही भक्त की दृष्टि भगवान् पर ही रहनी चाहिए। हम प्रसन्न हैं, यह स्थिति उत्तम है लेकिन, हमारी वजह से कोई और प्रसन्न है, यह परिस्थिति सर्वोत्तम है। इंसान नहीं बोलता, उसके दिन बोलते हैं। जब दिन नहीं बोलते, इंसान लाख बोले उसकी कोई नहीं सुनता। रमेशचंद छाजेड़ ने बताया कि साध्वी शुक्रवार सुबह विहार करके विजयनगर पहुंचेंगी। मनोज परमार ने बताया कि साध्वी रविवार को अक्कीपेट पहुंचेंगी। साध्वी शीतलगुणाश्री के वर्षीतप अनुमोदना निमित्त कार्यक्रम ३ अप्रेल को खेतेश्वर भवन में होगा। पारस भंसाली ने बताया कि साध्वी को आगामी महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव में निश्रा प्रदान करने की विनती लेकर जैन युवा संगठन के पूर्व अध्यक्ष दिनेश खिंवेसरा, मनीष मूथा, सुनील कुमार पहुंचे। साध्वी ने महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव में उपस्थित होने की स्वीकृति प्रदान की।