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संवत्सरी आत्ममंथन का पर्व: मुनि दीप कुमार

विजयनगर में संवत्सरी महापर्व का आयोजन

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बेंगलूरु. जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा,विजयनगर की ओर से विजयनगर स्थित अर्हम भवन में मुनि दीप कुमार ठाणा-2 के सान्निध्य में पर्युषण महापर्व का मुख्य दिन संवत्सरी महापर्व मनाया गया। नवरंगी तपोयज्ञ में सैकड़ों श्रध्दालुओं ने तपस्या की एवं अन्य तपस्यायों के प्रत्याख्यान भी हुए। सैकड़ों ने पौषध साधना भी स्वीकार की।

मुनि दीप कुमार ने कहा कि संवत्सरी आत्म- गवेषणा का पर्व है। आत्ममंथन का पर्व है। इस महान पर्व के माध्यम से हमारे जीवन में दिशा का परिवर्तन होना चाहिए। संवत्सरी वर्षभर के क्रियाकलापों की समीक्षा का समय है। पिछले वर्ष की संवत्सरी से लेकर इस संवत्सरी तक परिवर्तन की दृष्टि से मैंने क्या किया, इस पर विचार करना चाहिए।मुनि ने कहा कि संवत्सरी महापर्व पर प्रतिक्रमण कर पापों का प्रायश्चित करने का महास्नान जरूर करें। वर्ष भर में जो भी कोई गलती हुई हो उसका शुद्धिकरण करे। मुनि ने नवरंगी आदि तपस्या करने वालों के प्रति मंगल कामना की। भगवान महावीर एवं तेरापंथ की आचार्य परम्परा का भी वर्णन किया।

मुनि काव्य कुमार ने कहा, संवत्सरी का महान पर्व जैन समाज के लिए महास्नान का पर्व है। यह अंत: करण की व्याधियों और मनस्कायिक बीमारियों की शुद्धि के लिए चिकित्सा का पर्व है।शाम को बड़ी संख्या में प्रतिक्रमण और पौषध हुए। जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, महिला मंडल, विजयनगर युवक परिषद् ने संयुक्त मंगलाचरण किया। सभा अध्यक्ष प्रकाश गांधी ने शुभकामनाएं दी। विकास बांठिया ने तपस्वियों के नामों का उल्लेख किया।