साध्वी ऋद्धि ने कहा कि सौभाग्यमुनि ज्ञान सागर के साथ अपार वात्सल्य सागर भी थे । ऐसे महान संत का सान्निध्य मिलना हम सभी के बहुत ही गौरव की बात है। साध्वी प्रज्ञाश्री ने मंगलाचरण किया व साध्वी पुण्याश्री ने गुरू स्मृति गीत प्रस्तुत किया। प्रभाबाई खाब्या ने मंगलगीत प्रस्तुत किया। अध्यक्ष लादूलाल ओस्तवाल ने स्वागत किया।
इस अवसर पर हैदराबाद के डबीरपुरा संघ अध्यक्ष दिलीप धारीवाल, कार्याध्यक्ष पारसमल कटारिया,उपाध्यक्ष पदमचन्द सिसोदिया ने साध्वी विजयलता के आगामी चातुर्मास की विनती रखी ।अम्बेश गुरू सेवा समिति, मैसूर के संरक्षक मोहनलाल कोठारी अध्यक्ष मदनलाल पोरवाड़,मन्त्री भेरूलाल कोठारी, सहमंत्री प्रकाश मारू ने मैसूर आगमन की विनती रखी। मुंबई मेवाड़ संघ से रोशनलाल बडाला, जैन कान्फ्रेंस कर्नाटक के अध्यक्ष पुखराज मेहता, युवा अध्यक्ष हंसमुख मारू,कल्याण सिंह बुरड, प्रकाश बाफणा, जसवंत दलाल ने विचार व्यक्त किए। लाभार्थी प्रकाश बुरड, आरती बुरड का समिति की तरफ़ से अभिनंदन किया गया ।