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मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद घर लौटे स्कूली छात्र

सुबह जैसे ही मुख्यमंत्री विधानसौधा जाने को घर से निकले छात्रों ने सीएम सर .....सीएम सर....कह कर पुकारना शुरू कर दिए

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मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद घर लौटे स्कूली छात्र

बेंगलूरु. बिना पूर्व सूचना दिए अचानक कन्नड़ सरकारी हाई स्कूल को दूरस्थ गांव में स्थानांतिरत करने के विरोध में विद्यार्थियों व अभिभावकों ने सोमवार को मुख्यमंत्री के जेपीनगर स्थित निवास के सामने धरना दिया। धरना दे रहे विद्यार्थियों की फरियाद सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने समस्या के शीघ्र निराकरण का आश्वासन दिया तो छात्र धरना समाप्त कर घर लौट गए।

इससे पहले चित्रदुर्गा तालुक के आलघट्टा गा्रम के सरकारी हाई स्कूल के विद्यार्थियों ने बताया कि विद्यार्थियों की संख्या कम होने की वजह से स्कूल को बिना किसी पूर्व सूचना के गांव से करीब 10 किमी दूर स्थित भरमसागर में स्थानांतरित कर दिया गया है। चित्रदुर्गा तालुक का आलघट्टा ग्राम होललकेरे विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। विद्यार्थियों की संख्या कम होने ये प्रशासन ने स्कूल को भरमसागर ग्राम में स्थानांतरित करने का निर्णय किया है।

छात्रों को गांव से इतनी दूरी पर जाकर पढ़ाई करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल में लड़कियों की संख्या अधिक है और अभिभावक उन्हें भेजने में परहेज करेंगे। इससे उनकी पढ़ाई छूटने का खतरा उत्पन्न हो गया है। आलघट्टा में पहले से स्कूल के लिए अ'छा भवन व अन्य तमाम बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैंं इसके बावजूद स्कूल को स्थानांतरित किया जा रहा है। उन्होंने स्कूल हटाने के निर्णय को तत्काल रद्द करने की मांग की।

हालांकि मुख्यमंत्री के निवास पर मौैजूद अधिकारियों ने छात्रों व अभिभावकों से ज्ञापन लेकर उनकी समस्या हल करने का भरोसा दिलाया लेकिन विद्यार्थी व अभिभावक मुख्यमंत्री से मिलने की जिद पर अड़े रहे। सुबह जैसे ही मुख्यमंत्री विधानसौधा जाने को घर से निकले छात्रों ने सीएम सर .....सीएम सर....कह कर पुकारना शुरू कर दिए। मुख्यमंत्री हालांकि कार में बैठ गए थे लेकिन छात्रों की पुकार सुनकर नीचे उतरे और उनकी बात सुनने पहुंच गए।

उन्होंने सबसे पहले अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि क्या मैं केवल जनसमस्याएं ही सुनता रहूंगा। आप शिकायतें क्यों नहीं स्वीकार करते हैं। क्या मैं अकेले ही यह काम करूंगा? क्या मुझेे सरकार नहीं चलानी है?
इसके बाद उन्होंने छात्रों व अभिभावकों के पास जाकर उनकी समस्या सुनी और कहा कि वे अपने गांव लौट जाएं। उनकी समस्या का जल्द समाधान हो जाएगा। उनके स्कूल को कहीं स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री से मिले ठोस आश्वासन के बाद विद्यार्थी व अभिभावक तत्काल धरना समाप्त कर वहां से रवाना हो गए।