
मैसूरु. सुमतिनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ के तत्वावधान में महावीर भवन में साध्वी प्रियकल्पनाश्री ने धर्म संदेश में कहा कि धर्म के पालन के साथ व्यवहार का भी पालन करना अत्यंत आवश्यक है। भगवान की पूजा करने के साथ साथ अपने माता-पिता की सेवा करनी चाहिए। तीर्थ मानकर भक्ति कीजिए। हम अपने माता पिता के कारण ही भगवान को पहचानते हैं। माता पिता हमें संस्कार देते हैं, मंदिर जाकर दर्शन वंदन पूजन करते हैं। जो माता-पिता सेवा करता है, वही व्यक्ति दूसरे लोगों की सेवा व सहायता करेगा। जो माता पिता की सेवा नहीं करता है, उसे शास्त्रों में पशु के बराबर समझा गया है। इसी तरह पुत्रवधू को अपने सास ससुर की मन लगाकर सेवा करनी चाहिए। धर्मसभा में सुमतिनाथ संघ के कोषाध्यक्ष पारसमल सिंघवी, ट्रस्टी नगराज राठौड़, प्रकाश सालेचा, विमल भेसवाड़ा, डायलाल वोहरा, पार्श्व पद्मावती ट्रस्ट के अध्यक्ष दलीचंद श्रीश्रीमाल सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
Published on:
10 Jul 2024 09:33 pm
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