
Shivajinagar Assembly karnataka
बेंगलूरु. शहर के मध्य में स्थित शिवाजी नगर क्षेत्र में चुनावी तस्वीर बिल्कुल अलग है। सात बार विधायक रहे रोशन बेग के मैदान में नहीं होने के कारण इस बार भाजपा यहां अपना खाता खोलने की आस लिए है जबकि कांग्रेस इस सीट पर कब्जा बरकरार रखने की कोशिश कर रही है। जद-एस भी इस क्षेत्र पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
गठबंधन सरकार से नाराज बेग भी भाजपा का साथ देने वालों में शामिल थे लेकिन भाजपा ने ऐन वक्त पर उन्हें टिकट देने से मना कर दिया। बेग के बजाय भाजपा ने नए चेहरे सरवण्णा को उतारा है जबकि कांग्रेस ने विधान पार्षद रिजवान अरशद को उतारा है। जद-एस ने राष्ट्रीय प्रवक्ता तनवीर अहमद को उतारा है। इस क्षेत्र में वैसे तो दर्जी से लेकर चाय दुकान चलाने वाले कई उम्मीदवार हैं लेकिन मुकाबला तीनों प्रमुख दलों के बीच है।
त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे दो चेहरे- सरवण्णा व तनवीर बिल्कुल नए हैं जबकि रिजवान पहले भी बेंगलूरु मध्य से दो बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इस क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण का भी काफी असर है। बाकी क्षेत्रों के इस क्षेत्र में स्थानीय मुद्दों का भी असर है। शहर के बीच में होने के बावजूद जन समस्याओं के साथ ही अन्य मुद्दे भी हैं। पुराने बेंगलूरु के इस प्रमुख क्षेत्र में रसल मार्केट, कर्मिशियल स्ट्रीट और एमजी रोड जैसे इलाके आते हैं लेकिन इस क्षेत्र के एक बड़े हिस्से में आज भी बुनियादी सुविधाओं की स्थिति अच्छी नहीं है। इस क्षेत्र में एक आभूषण कंपनी के पोंजी घोटाले से जुड़ा मसला भी प्रचार के दौरान उठता रहा। इस मामले से इलाके के काफी संख्या में निम्न और मध्यम वर्गीय परिवार प्रभावित हुआ।
भाजपा क्षेत्र के समीकरण के सहारे नैया पार लगाने का प्रयास कर रही है तो कांग्रेस और जद-एस परंपरागत मतों के सहारे वर्चस्व बचाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान तीनों ही दलों के जनता की समस्याओं को सुलझाने का वादा कर रहे हैं। उम्मीदवारों ने अपने एजेंडे भी जारी कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है।
Published on:
04 Dec 2019 06:27 pm
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