
सिद्धरामय्या कर्नाटक में विपक्ष के नेता तो बने मगर चुकानी पड़ी ये बड़ी कीमत..
बेंगलूूरु. कर्नाटक में कांग्रेस में चल रही घमासान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या एक बार फिर अपने विरोधियों पर भारी पड़े। कांग्रेस आलाकमान ने आखिरकार लंबे जद्दोजहद के बाद सिद्धरामय्या को विधानसभा में विपक्ष का नेता बना दिया लेकिन इसके लिए उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। विपक्ष के नेता बनाए जाने के साथ ही सिद्धरामय्या अब पार्टी की सबसे बड़े निर्णायक निकाय अखिल भारतीय कांग्रेस कार्य समिति congress working committee ( CWC) के सदस्य नहीं रहेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के विरोध को दरकिनार करते हुए सिद्धरामय्या को विपक्ष का नेता नियुक्त कर दिया। आलाकमान के इस फैसले से सिद्धरामय्या एक बार फिर मजबूत होकर उभरे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे, बी के हरिप्रसाद, के एच मुनियप्पा आदि सिद्धरामय्या को विपक्ष का नेता बनाए जाने का विरोध कर रहे थे। विरोधी सिद्धरामय्या को राजनीतिक तौर पर कमजोर करने के लिए विधायक दल के नेता और नेता प्रतिपक्ष के पदों को अलग-अलग करने की मांग कर रहा था लेकिन आलाकमान ने इस मांग को भी ठुकरा दिया। गठबंधन सरकार के समय भी सिद्धरामय्या कांग्रेस विधायक दल के नेता था और इसी आधार पर वे नेता प्रतिपक्ष के लिए भी प्रबल दावेदार थे लेकिन उनकी कार्यशैली से नाखुश पार्टी के पुराने और वरिष्ठ नेता इसका विरोध कर रहे थे।
Published on:
10 Oct 2019 12:47 am
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