मैसूरु. आचार्य विमलसागर सूरीश्वर ने कहा कि वाणी स्वतंत्रता के नाम पर आजकल लोग धर्म और साधु-संतों पर अनर्गल टिप्पणियां कर रहे हैं। सोशल मीडिया में वे बेहद गंदी तथा आपत्तिजनक बातें लिख और बोल रहे हैं। इस प्रकार आराध्य भगवान और धर्म के सिद्धांतों का अपमान असह्य व आघातजनक लगता है। ऐसे लोगों पर तत्काल कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
नजरबाद स्थित आदिश्वर वाटिका में विशाल धर्मसभा में आचार्य ने कहा कि यह अत्यंत दुःख का विषय है कि पुलिस शिकायतकर्ताओं का सहयोग करने के बजाय उन्हें उलझाती और धमकाती है। इससे अपराधियों का साहस बढ़ रहा है। स्वस्थ और अपराधमुक्त सामाजिक व्यवस्था के लिए यह अत्यंत घातक है। जैनधर्म और समाज से संबंधित विभिन्न राज्यों के अनेक मुकदमों को संभाल रहे आचार्य ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से गुजरात में कुछ लोग निरंतर जैन तीर्थंकरों और जैन साधुओं के बारे में गलत बातें लिख रहे हैं। इसी टीम के कुछ सदस्यों ने मुझ पर दो बार घातक हमले किए थे। उन्हें समझाने की सारी शालीन कोशिशें नाकामयाब रही हैं। उन पर मुकदमें चल रहे हैं। पुलिस उन्हें बचाने का प्रयास करती है। बार-बार जैन समाज को उच्च न्यायालय के दरवाजे खटखटाने पड़ते हैं। अनेक वर्षों से ऐसे लोगों पर साइबर क्राइम में किए गए मुकदमें लंबित पड़े हैं। जैन समाज जगह-जगह विरोध प्रदर्शन के बावजूद अब तक अपराधियों पर कठोर कार्रवाई नहीं हो रही है।
धर्मसभा में कल्याण मित्र वर्षावास समिति के कांतिलाल चौहान, अशोक दांतेवाड़िया, भंवरलाल लुंकड़,रमेश श्रीश्रीमाल, प्रवीण दांतेवाड़िया, वसंत जैन, भोजराज जैन आदि बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे।
Published on:
30 Jun 2024 08:01 pm