
महापुरुषों की महिमा का गुणगान सबके लिए लाभदायी
बेंगलूरु. वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ चिकपेट शाखा के तत्वावधान में गोडवाड़ भवन में उपाध्याय प्रवर रविंद्र मुनि ने अचार्य जयमल की 311वीं जयंती पर कहा कि महापुरुषों का गुणगान जब भी करें जितना भी करें सभी के लिए लाभदायक होता है।
उन्होंने कहा कि उनका गंगा के निर्मल जल के समान मिलनसार स्वभाव तथा प्रभावशाली व्यक्तित्व था। उनकी वाणी धीर गंभीर ओज पूर्ण थी। ओजपूर्ण वाणी लोगों को प्रभावित करने में समर्थ होती है। अनेक साधु-संत करते हैं लेकिन बहुत कम संतों की वाणी में ही ओज होता है। निस्पृही भाव उनके जीवन में थाए किसी प्रकार की आसक्ति नहीं थी। अपने जमाने में उन्हें ओलिया व फकीर के नाम से जाना जाता था। अनेक प्रकार की विशेषताओं भरा उनका जीवन था।
सैकड़ों वर्षों के बाद भी आचार्य के कृतित्व व्यक्तित्व को हजारों लोग स्मरण करते हैं। रविंद्र मुनि ने जयमल जन्म, सांसारिक व संयम जीवन का विस्तार से वर्णन किया।
प्रारंभ में ऋषि मुनि ने गीतिका प्रस्तुत की तथा अभिभावकों के रूप में माता पिता को परिवार की आधारभूत नींव बताते हुए स्वामी विवेकानंद के एक प्रसंग का विस्तार से उल्लेख किया। संचालन चिकपेट शाखा के महामंत्री गौतमचंद धारीवाल ने किया। संरक्षक विजयराज लूणिया ने बताया कि धर्मसभा में पारस मुनि ने मांगलिक
प्रदान की।
महिला मंडल ने मनाया क्षमायाचना पर्व
बेंगलूरु. गुरु अम्बेश मेवाड़ महिला मंडल की ओर से आयोजित पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व एवं क्षमा याचना प्रतियोगिता में सभी सदस्यों ने उत्साह से भाग लिया।
सदस्याओं ने पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व एवं क्षमा याचना के बारे में विचार व्यक्त किए। अम्बेश गुरू सेवा समिति के संयोजक लादुलाल ओस्तवाल, सहसंयोजक पुखराज महेता, कोषाध्यक्ष राजेन्द कोठारी एवं गुरु अम्बेश युवा मंडल के अध्यक्ष दिनेश पोखरणा, महामंत्री पुखराज आंचलिया, कोषाध्यक्ष दिनेश पोरवाड़ उपस्थित थे। महिला मंडल अध्यक्षा स्नेहलता बाफना ने स्वागत किया।
प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय व तृतीय विजेता का पुरस्कार प्रदान किए। संचालन मंत्री मनदेवी संचेती ने किया।
Published on:
24 Sept 2018 06:47 pm
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