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चल फिर नहीं सकने के कारण घर में छोड़ गए थे परिजन

पांच घंटे के अभियान में बचाई वृद्धा की जान 9 माह की गर्भवती को बचा कर भेजा राहत शिविर

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चल फिर नहीं सकने के कारण घर में छोड़ गए थे परिजन

मडिकेरी. बारिश, बाढ़ व भूस्खलन के खतरों के बीच साहस का परिचय देते हुए नागरिक सुरक्षा के जवानों ने कोडुगू जिले के कालुर गांव के एक घर से नीलम्मा (85) को पांच घंटे के बचाव अभियान के बाद सुरक्षित निकाला। चल-फिर नहीं सकने के कारण परिजन उसे घर में ही छोड़कर खुद बचाव शिविर में चले गए थे। परिजनों से नीलम्मा की जानकारी मिलते ही बचाव दल घंटों पैदल चलने के बाद उनके घर पहुंचा और उन्हें बचा लिया। दल के सदस्यों ने रास्ते में एक नौ माह की गर्भवती को भी सुरक्षित निकाल कर राहत शिविर भेजा।

नागरिक सुरक्षा के प्रमुख चेतन ने बताया, कोडुगू जिला आयुक्त ने सूचना दी कि कालूर गांव में अब भी कुछ लोग फंसे हुए हैं। 25 सदस्यीय टीम को फौरन कालूर रवाना किया गया। लेकिन रास्ते में एक नौ माह की गर्भवती महिला भी मिली। 25 में से छह लोगों को स्ट्रेचर के साथ महिला को राहत शिविर पहुंचाने के लिए छोड़ा गया।

टीम जब नीलम्मा के घर पहुंची तो देखा की वह असहाय और बेहद बुरी हालत में बिस्तर पर पड़ी थी। भूख से उसकी हालत खराब हो चुकी थी। घर के आसपास समय-समय पर भूस्खलन हो रहा था। दल के पास एक ही स्ट्रेचर था जो गर्भवती महिला के लिए छोड़ दिया गया था। दल ने मौजूद सामग्रियों से किसी तरह एक स्ट्रेचर बनाया और उसे सुरक्षित राहत शिविर तक पहुंचाया। चेतन ने बताया कि मडिकेरी के कई छोटे गांवों तक पहुंचने का कोई जमीनी मार्ग नहीं बचा है।लगातार बारिश, भूस्खलन, पहाड़, बड़े-बड़े पेड़ व तेज हवा के कारण बचाव अभियान में शामिल दलों को भंयकर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।


गृह प्रवेश रद्द कर दी दान की राशि
बेंगलूरु. मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के संवाददाता सम्मेलन के दौरान संडलवुड अभिनेता शिवराजकुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 10 लाख रुपए का चैक मुख्यमंत्री को सौंपा। राज्यसभा सदस्य कुपेन्द्र रेड्डी ने 25 लाख रुपए, अभिमानी प्रकाशन ने 5 लाख रुपए, सरकारी चिकित्सक संघ ने 2.50 करोड़ रुपए की धनराशि के चैक मुख्यमंत्री को सौंपे। इसी दौरान आनंद नामक व्यक्ति ने अपने नए घर के गृह प्रवेश कार्यक्रम को रद्द कर बाढ़ पीडि़तों के लिए एक लाख रुपए का चैक मुख्यमंत्री को दिया।