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राज्य शिक्षा नीति आयोग इसी सप्ताह सरकार को सौंपेगा रिपोर्ट

मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) को उच्च शिक्षा स्तर पर आनन-फानन में लागू किया था। एसइपी रिपोर्ट को लागू करने में कोई असमंजस नहीं है, क्योंकि आयोग की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम और मल्टीपल एंट्री-एग्जिट विकल्प पहले ही वापस लिए जा चुके हैं।

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राज्य शिक्षा नीति (एसइपी) आयोग Karnataka Education Policy Commission इस सप्ताह सरकार को अपनी बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट सौंपेगा। आयोग इससे पहले तीन बार रिपोर्ट सौंपने में विफल रहा है।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एम. सी. सुधाकर ने बताया कि मुख्यमंत्री को सौंपने से पहले एसइपी रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है। रिपोर्ट एक-दो दिन में सौंप दी जाएगी, फिलहाल मुख्यमंत्री से समय मिलने का इंतजार है।

मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) को उच्च शिक्षा स्तर पर आनन-फानन में लागू किया था। एसइपी रिपोर्ट को लागू करने में कोई असमंजस नहीं है, क्योंकि आयोग की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम और मल्टीपल एंट्री-एग्जिट विकल्प पहले ही वापस लिए जा चुके हैं।

उच्च शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों के अनुसार पूरी नीति एक बार में लागू नहीं की जाएगी। इतनी व्यापक नीति के क्रियान्वयन पर सरकारी पदानुक्रम के सभी स्तरों पर चर्चा होनी चाहिए और इसके लिए बजटीय आवंटन भी आवश्यक है।

राज्य सरकार ने अक्टूबर 2023 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव थोराट की अध्यक्षता में एसइपी आयोग का गठन किया था। आयोग में 15 अन्य सदस्य शामिल हैं। आयोग को फरवरी 2024 में रिपोर्ट सौंपनी थी, जिसे बाद में दिसंबर 2024 तक बढ़ाया गया। इसके बाद मई 2025 तक समय इसलिए बढ़ाना पड़ा क्योंकि रिपोर्ट का अंग्रेजी से कन्नड़ में अनुवाद किया जा रहा था।