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संतों का मिलन दूध और शक्कर की तरह: साध्वी दर्शनप्रभा

चामराजपेट में चातुर्मास प्रवेश

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बेंगलूरु. वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, चामराजपेट में चातुर्मास मंगल प्रवेश के अवसर पर साध्वी दर्शनप्रभाश्री ने कहा कि चातुर्मास धर्म आराधना का सर्वोत्तम अवसर होता है।

संतों का मिलान अत्यंत सौभाग्य से होता है। गृहस्थों का मिलन छाछ और पानी के जैसा होता है जो समय बीतते बीतते पृथक होता चला जाता है जबकि संतों का मिलन दूध और शक्कर की तरह होता है जो कभी अलग नहीं होता है। सत्संग से जो सुसंस्कारों, सद्गुणों, सुसंस्कृति का निर्माण होता है वह स्थायी होता है। अत: जीवन में सद्गुणों को दूध और शक्कर जैसे समाहित करने के लिए सदैव चरित्र आत्माओं की सत्संगति करनी है।

साध्वीवृन्द अक्कीपेट जैन स्थानक से विहार करके चामराजपेट स्थित जैन स्थानक में पहुंचे। वहां पंच परमेष्ठी नमन के पश्चात शांति जैन महिला मंडल, नव जागृति जैन बहु मंडल एवं वर्धमान पाठशाला मंडल के सदस्यों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। चामराजपेट संघ के अध्यक्ष शांतिलाल समदडिय़ा एवं मंत्री सुखवीरचंद कोठारी ने स्वागत करते हुए चामराजपेट संघ में 19 साध्वीवृन्द के पदार्पण को ऐतिहासिक पल बताया।

कर्मों पर प्रहार

साध्वी समृद्धिश्री ने कहा कि चातुर्मास में हमें सारी खोट बाहर निकलकर अपने आपको खरा बनाना है। साध्वी डॉ रुचिकाश्री ने कहा कि धर्म साधना के द्वारा हमारे भीतर महावीरत्व को जगाकर हमें कर्मों पर प्रहार करना है।

साध्वी मणिप्रभाश्री ने कहा कि संत आते हैं तो उनके साथ पूरी संस्कृति आती है। साध्वी सुमित्राश्री ने कहा कि धर्म आराधना का प्रभाव जन्मों तक रहता है और जन्म को सार्थक कर देता है। साध्वी सुधाकुंवर ने कहा कि चातुर्मास में जिनवाणी की पावन गंगा में डुबकी लगाना है।

इस अवसर पर गुरु ज्येष्ठ पुष्कर जैन चैरिटेबल ट्रस्ट के महावीरचंद मेहता ने राष्ट्र संत उपप्रवर्तक नरेशमुनि के सन्देश का वाचन किया। वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ चिकपेट शाखा के अध्यक्ष गौतमचंद धारीवाल, गंगानगर श्रीसंघ के चेयरमैन अमरचंद गुंदेचा, गणेश बाग संघ के सुनीलकुमार सांखला, राजाजीनगर संघ के उपाध्यक्ष किशोरचंद दलाल, जयनगर संघ के अध्यक्ष दीपचंद भंसाली एवं युवा अध्यक्ष सागरमल बाफना, अक्कीपेट संघ के अध्यक्ष नेमीचंद सालेचा ने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर संघ के पूर्व संचालक तगतराज बाफना, सुरेशचंद रूणवाल, जैन कॉन्फ्रेंस के पदाधिकारी सहित अनेक संघों के प्रमुख उपस्थित थे।