
बेंगलूरु. साइनबोर्ड पर 60 प्रतिशत कन्नड़ भाषा का उपयोग नहीं कर पाए दुकानों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को बड़ी राहत देते हुए गुरुवार को राज्य सरकार ने इसकी समय सीमा दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार को घोषणा की कि राज्य सरकार ने कन्नड़ शासन में 60 प्रतिशत साइन बोर्ड की समय सीमा दो और सप्ताह बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि साइन बोर्ड बदलने में समय लगता है और इसलिए, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को अब नियम का पालन करने के लिए अतिरिक्त दो सप्ताह का समय मिलेगा।
उन्होंने मातृभाषा को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और उम्मीद जताई कि विस्तारित अवधि के अंत तक कानून का विधिवत पालन किया जाएगा।
गौरतलब है कि साइनबोर्ड पर ऊपरी 60 प्रतिशत हिस्से में कन्नड़ भाषा के उपयोग को अनिवार्य बनाने वाले विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी के बाद राजपत्र में अधिसूचित किया जा चुका है। पालिका पहले ही इसे लागू करने के लिए 28 फरवरी तक की समय सीमा तय कर चुकी थी। गुरुवार से पालिका ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की तैयारी कर रही थी।
मालूम हो कि कन्नड़ भाषा व्यापक विकास अधिनियम 2022 में हालिया संशोधन वाणिज्यिक, औद्योगिक और व्यावसायिक उपक्रमों, ट्रस्टों, परामर्श केंद्रों, अस्पतालों, प्रयोगशालाओं, मनोरंजन केंद्रों और होटलों सहित विभिन्न प्रतिष्ठानों पर लागू होता है। सरकार या स्थानीय अधिकारियों की मंजूरी के साथ काम करने वाली इन संस्थाओं को अब अपने नाम बोर्ड पर 60 प्रतिशत नाम कन्नड़ में प्रदर्शित करना आवश्यक है।
Published on:
29 Feb 2024 02:54 pm
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