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तटीय कर्नाटक और केरल के कुछ हिस्‍सों में लोकप्रिय तुलु लिपि को यूनिकोड में जोड़ा गया

यूनिकोड में शामिल होने से अब इसके लिए तकनीकी विशेषज्ञों को एक तुलु फॉन्ट वाला कीबोर्ड विकसित करना होगा। अब तक कन्नड़ लिपि में अपलोड की गई और आईटी नेटवर्क में संग्रहीत तुलु से जुड़ी सभी सूचनाओं को तुलु लिपि में बदलने के लिए सॉफ्टवेयर बनाना होगा।

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तकनीकी विशेषज्ञों को अब तुलु कीबोर्ड, फॉन्ट और कन्वर्टर विकसित करना होगा

बेंगलूरु. तटीय कर्नाटक और केरल के कुछ हिस्सों में बोली जाने वाली एक आम भाषा तुलु को यूनिकोड कंसोर्टियम, यूनाइटेड स्टेट्स द्वारा यूनिकोड में जोड़ा गया है, जिसके कई देश सदस्य हैं। इसे शामिल करने के लिए कई प्रस्ताव यूनिकोड तकनीकी समिति को भेजे गए थे। यूनिकोड 16.0 को 10 सितंबर को जारी किया जाएगा।

इसके लिए मेहनत करने वाले लोगों में से एक एक वरिष्ठ आईटी विशेषज्ञ यूबी पवनजा के अनुसार आखिरकार तीन मिलियन से अधिक लोगों द्वारा बोली जाने वाली तुलु भाषा को यूनिकोड में जोड़ दिया गया है। विश्व कन्नड़ डॉट कॉम के संस्थापक और संपादक पवनजा ने कहा, तुलु को यूनिकोड मानक, संस्करण 16.0 में जोड़ा गया है। पिछले सप्ताह यूनिकोड में 80 तुलु अक्षर जोड़े गए हैं।

यूनिकोड सूचना प्रौद्योगिकी में सभी भाषाओं के वर्णों को संग्रहीत करने के लिए एक मानक है। यूनिकोड कंसोर्टियम मानकीकरण निकाय है। मेंगलूरु में कर्नाटक तुलु साहित्य अकादमी ने तुलु के लिए यूनिकोड की आवश्यकता को महसूस किया। इसने तुलु लिपि में तुलु अक्षरों को अंतिम रूप देने और कंसोर्टियम को एक प्रस्ताव भेजने के लिए समिति बनाई। समिति नें कई प्रस्ताव भेजे अंत में तुलु लिपि को तुलु-तिगालारी नाम से यूनिकोड में जोड़ा गया है।

छात्रों की भाषाई दक्षता बढ़ेगी : लावण्या

कांग्रेस की प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता लावण्या बलाल जैन ने इस पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि अब तुलु के उपयोक्ता इसका संवाद में सीधे उपयोग कर सकेंगे। तकनीकी कमियों के चलते इस लिपि का उपयोग बंद हो गया था लेकिन अब इसका प्रचलन बढ़ेगा और इससे भाषा को बचाने में सहायता मिलेगी। मेंगलौर विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे छात्रों को इससे बहुत मदद मिलेगी और उनकी भाषाई दक्षता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अगर एक भाषा की मृत्यु होती है तो साथ ही उसका मौखिक इतिहास और संस्कृति भी मृत हो जाती है। उन्होंने कहा कि इसके बाद वे उम्मीद करती हैं कि इस भाषा को आठवीं अनुसूची में भी शामिल किया जाएगा और यह राज्य की प्रमुख प्रशासनिक भाषा घोषित की जाएगी।

यूनिकोड में जाने से क्या फायदा होगा

यूनिकोड में शामिल होने से अब इसके लिए तकनीकी विशेषज्ञों को एक तुलु फॉन्ट वाला कीबोर्ड विकसित करना होगा। अब तक कन्नड़ लिपि में अपलोड की गई और आईटी नेटवर्क में संग्रहीत तुलु से जुड़ी सभी सूचनाओं को तुलु लिपि में बदलने के लिए सॉफ्टवेयर बनाना होगा। फिर जब तुलु लिपि का उपयोग करके सर्च इंजन के माध्यम से जानकारी खोजी जाएगी, तो वह तुलु लिपि में ही दिखाई देगी। तुलु को यूनिकोड में जोड़ने से तुलु भाषा में प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण संभव हो सकेगा। इससे तुलु में भाषाई शोध करने में मदद मिलेगी।

जानें यूनिकोड कंसोर्टियम के बारे में

यूनिकोड कंसोर्टियम एक गैर-लाभकारी निगम है जो सॉफ्टवेयर अंतरराष्ट्रीयकरण मानकों और डेटा, विशेष रूप से यूनिकोड मानक को विकसित करने, बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, जो सभी आधुनिक सॉफ्टवेयर उत्पादों और मानकों में पाठ के प्रतिनिधित्व को निर्दिष्ट करता है। यूनिकोड कंसोर्टियम अंतरराष्ट्रीयकरण के क्षेत्र में सक्रिय रूप से मानकों का विकास करता है जिसमें यूनिकोड वर्णों के बीच व्यवहार और संबंधों को परिभाषित करना शामिल है।