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विजयेंद्र ने प्रियांक खरगे और जमीर से मांगे इस्तीफे, मंत्रियों के बयानों को बताया लोकतंत्र का अपमान

प्रियांक खरगे के व्यवहार को देखें, तो वे इस भ्रम में हैं कि सत्ता स्थायी है। यदि आप कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद उनके निर्वाचन क्षेत्र (चित्तपुर) और जिले (कलबुर्गी) में होने वाली घटनाओं को देखें तो इसमें और गुंडागर्दी के बीच कोई अंतर नहीं है।

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बेंगलूरु. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या से अपने मंत्री प्रियांक खरगे और जमीर अहमद खान का इस्तीफा लेने की मांग की है। खरगे सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी के साथ-साथ ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री हैं, जबकि खान आवास, वक्फ और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हैं। विजयेंद्र ने कहा कि मंत्रियों के हालिया आचरण और टिप्पणियों ने उनके पद को कमजोर बनाया है।

मेसूरु में सोमवार को मीडिया से उन्होंने कहा कि यदि आप प्रियांक खरगे के व्यवहार को देखें, तो वे इस भ्रम में हैं कि सत्ता स्थायी है। यदि आप कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद उनके निर्वाचन क्षेत्र (चित्तपुर) और जिले (कलबुर्गी) में होने वाली घटनाओं को देखें तो इसमें और गुंडागर्दी के बीच कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि कलबुर्गी जिले में गुंडागर्दी ने सिर उठाया है और जल्द ही यह समस्या दूसरे जिलों व पूरे राज्य में फैल सकती है।

भाजपा नेता मणिकांत राठौड़ पर हाल ही में हुए हमले की ओर इशारा करते हुए भाजपा के पर््छैष्ज्ञ प्रमुख ने आरोप लगाया कि मंत्री होने के नाते खरगे ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को देर रात लगभग 1 से 1:30 बजे उन पर हमला करने की अनुमति दी है। उन्होंने कहा, सत्ता के अहंकार में मंत्री ऐसा व्यवहार कर रहे हैं, मानो वह कुछ भी करके बच सकते हैं। मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूं कि अगर आने वाले दिनों में सब कुछ सुचारू रूप से चलना है, तो आपको तुरंत दानों मंत्री से इस्तीफा मांगना होगा।

उन्होंने ऐसी कई कथित घटनाओं पर पुलिस की पूर्ण निष्क्रियता की आलोचना करते हुए पूछा, आप राज्य के लोगों को क्या संदेश भेज रहे हैं? मई में हुए विधानसभा चुनाव में चित्तपुर निर्वाचन क्षेत्र से खरगे के खिलाफ चुनाव लडऩे वाले राठौड़ पर कलबुर्गी जिले में 8-10 अज्ञात बाइक सवारों के एक समूह द्वारा तेजधार हथियारों और बीयर की बोतलों से कथित तौर पर हमला किए जाने के बाद गंभीर चोटें आई हैं। सिर और हाथ में चोटों के कारण रविवार से उनका कलबुर्गी के एक निजी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।

लोकतंत्र, संविधान और दलित विरोधी टिप्पणियां

उधर, तेलंगाना में विधानसभा अध्यक्ष के बारे में दिए गए बयानों के लिए मंत्री जमीर अहमद खान पर निशाना साधते हुए विजयेंद्र ने कहा कि उनकी टिप्पणियां लोकतंत्र विरोधी, संविधान विरोधी और दलित विरोधी हैं और इन्हें हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। प्रत्येक विधायक विधान सौधा में अध्यक्ष का बहुत सम्मान करता है, उन्हें न्याय का देवता मानता है। मंत्री का बयान निंदनीय है। यदि कोई और सीएम होता, तो वह 24 घंटे के भीतर ऐसे मंत्री का इस्तीफा मांगता, बयान की निंदा की। उन्होंने कहा, लेकिन अब तक न तो सीएम सिद्धरामय्या और न ही डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने इसकी निंदा की है या इस पर टिप्पणी भी की है... मैं मुख्यमंत्री से जमीर अहमद का तुरंत इस्तीफा मांगने का आग्रह करता हूं।
खान ने हाल ही में तेलंगाना में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि भाजपा नेता कांग्रेस द्वारा दिए गए अवसर के कारण कर्नाटक विधानसभा में एक मुस्लिम अध्यक्ष (यूटी खादर) के सामने झुक गए।