6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कौन हैं केंपेगौड़ा जिनके नाम पर होंगे अब बेंगलूरु में स्कूल-कॉलेजों के नाम

बीबीएमपी संचालित स्कूलों और कालेजों का नाम अब बेंगलूरु के संस्थापक केंपेगौड़ा के नाम पर

2 min read
Google source verification
कौन हैं  केंपेगौड़ा जिनके नाम पर होंगे अब बेंगलूरु में स्कूल-कॉलेजों के नाम

Kempegowda

बेंगलूरु. बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) की ओर से संचालित स्कूलों और कालेजों का नाम अब बेंगलूरु के संस्थापक केंपेगौड़ा के नाम पर रखा जाएगा।

पालिका की स्थाई समिति की चेयरमैन मंजुला नवाराणस्वामी ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पालिका स्कूलों और कालेजों में छात्रों की संख्या बढ़ाने और गुणवत्ता को बनाए रखने के उद्देश से केपेगौड़ा का नाम रखने का फैसला लिया। इसके साथ ही अत्याधुनिक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की एक कार्ययोजना बनाई गई है। इसके लिए अनुदान भी जारी किया गया है।

उन्होंने कहा कि पालिका की स्कूल और कालेज का नाम सुनते ही माता-पिता एक तरह से नाराजगी या दरकिनार करते हैं। पालिका स्कूल और कालेजों में श्रेष्ठ सुविधाएं उपलब्ध है और निजी शिक्षण संस्थानों का मुकाबला कर सकते है। समिति के सभी सदस्यों ने स्कूलों और कालेजों का नाम केपेगौड़ा का नाम पर रखने के फैसले पर खुशी जताई है। पालिका की मासिक बैठक में इसकी अनुमति ली जाएगी।

इस अवसर पर बेंगलूरु शहरी जिला पंचायत की शिक्षा स्थाई समिति के चेयरमैन नरसिंहामूर्ति ने कहा कि पढ़ाई और गुणवत्ता के मामले में किसी भी तरह का कोई सौदा नहीं होगा। इस साल एसएसएलसी और द्बितीय पी.यू. की वार्षिक परीक्षाओं में सौ फीसदी परिणाम निकालने के लिए समिति हर सभव प्रयास कर रही है। शिक्षकों और व्याख्याताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। एससएलएसी के छात्रो के लिए को हर दिन और पी.यू.के छात्रों को सप्ताह में दो बार विशेष कक्षाओं की व्यवस्था की गई है।

छात्रों को इस्कॉन के जरिए लघु उपहार देकर उनका प्रोत्साहन किया जा रहा है। विशेष कक्षाओं से गैर हाजिर नहीं होने के लिए छात्रों को समय-समय पर नोट बुक, पुस्तकें, गणवेश और अन्य चीजें उपलब्ध कराई जा रही हंै। उन्होंने कहा कि हर साल दिसंबर में शैक्षणिक दौरे पर छात्रों को भेजा जाएगा। जनवरी के माह में स्कूल या कालेज में वार्षिकोत्सव मनाना होगा। छात्रों को गुणवत्ता वाली शिक्षा और श्रेष्ठ परिणाम निकलाना ही पालिका का उद्देश है। दो माह में पालिका की सभी स्कूलों और कालेजों का नया रूप देखने को मिलेगा।

कई विद्यालय सिर्फ कागज पर
उन्होंने कहा कि जिला पंचायत के अंतर्गत ६०० स्कूल भवनों के दस्तावेज नहीं है। कई साल पहले कई लोगोंं ने भूखंड और स्कूलों को निर्मित कर दान में दिया था। अब कई लोग इन भवनों के मालिक होने का दावा कर रहे हैं। इस तरह के ४८० मामले न्यायालयों में लंबित है। सरकार ने गत वर्ष शिक्षा के लिए जिला पंचायत को ७५ लाख रुपयों का अनुदान दिया था।