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भावनाओं को आहत करने वाले बयान पर चुप क्यों हैं राहुल गांधी, सिद्धू: बोम्मई

सतीश जारकीहोली के विवादित बयान को लेकर मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को घेरा

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उडुपी. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस नेता सीतश जारकीहोली के बहाने राहुल गांधी और सिद्धरामय्या पर निशाना साधा। बयान की निंदा करते हुए कहा कि बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। हैरानी की बात है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरामय्या इस बयान पर चुप्पी साधे हुए हैं। वे सतीश जारकीहोली के इस बयान पर खामोश क्यों हैं?
उडुपी में हेलीपैड पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी तुष्टीकरण की नीति पर चल रही है और बिना गहन अध्ययन के आधे-अधूरे बयान दे रही है। ऐसे बयानों से कांग्रेस नेता हर भारतीय की आस्था की बुनियाद को ही तोडऩे की कोशिश कर रहे हैं। किसी भी देश के भीतर समस्याएं पैदा करना राष्ट्र-विरोधी होता है। हर किसी को इस बयान की आलोचना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जारकीहोली अपने बयान का अब भी बचाव कर रहे हैं। कांग्रेस को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।


बयान सतीश की व्यक्तिगत राय: शिवकुमार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सतीश जारकीहोली के विवादास्पद बयान को व्यक्तिगत टिप्पणी करार देते हुए कहा कि पार्टी इसकी निंदा करती है और बयान को खारिज करती है। वे इससे सहमत नहीं है। 'हिंदूÓ शब्द पर सतीश का बयान निजी था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर उनसे उचित स्पष्टीकरण देने के लिए कह रहे हैं। सार्वजनिक रूप से दिए गए ऐसे बयान विचारणीय नहीं है।
शिवकुमार ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि यह अर्थ किस शब्दकोश से मिला है। वे हिंदू हैं और हिंदू धर्म को मानते हैं। भारतीय संस्कृति और कांग्रेस का सिद्धांत सभी जाति एवं धर्मों को साथ लेकर चलने का है। वे अपने घर पर कुछ भी कहें लेकिन, सार्वजनिक रूप से ऐसी टिप्पणी करना उचित नहीं है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि सतीश की इस टिप्पणी से पार्टी को कोई नुकसान होगा।


अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए दिया बयान: शेट्टर
उधर, भाजपा विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने कहा कि कांग्रेस नेता अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं। उन्हें लगता है कि अगर हिंदू संस्कृति अथवा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आलोचना करेंगे तो अल्पसंख्यक समुदाय के वोट मिलेंगे। लेकिन, अल्पसंख्यक समुदाय भी यह समझने लगे हैं कि कांग्रेस उनका इस्तेमाल एक वोट बैंक के तौर पर कर रही है।