
बेंगलूरु. जीवन में श्रावक का एक ही लक्ष्य प्रभु भक्ति होना चाहिए। परमात्मा के सिवा कुछ अच्छा नहीं लगना चाहिए। परमात्मा ही हमको तारने वाले हैं। प्रभु ही जगत के तारणहार हैं।
यह बात आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर ने गुरुवार को संघवी वसंतीबाई भूरमल तुलेच्छा वोरा रिलिजियस एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से होसकोटे हाईवे मार्ग पर स्थित नवनिर्मित जय जीरावला तीर्थ के अंजनश्लाका प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के शुभारंभ के मौके पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही।
आचार्य ने कहा कि हमारे जैसे मलिन आत्माओं को पावन करने का काम परमात्मा का है। प्रभु खुद तो संसार सागर से तीर गए हैं। हमें भी तिराने वाले हैं। दास को देव, आराधक को आराध्य और साधक को साध्य बनाने की ताकत परमात्मा में है। जिस दिन प्रभु के प्रति सच्ची श्रद्धा और समर्पण आ जाएगा, उस दिन परमात्मा हमारे तारणहार बन जाएंगे। संसार का लक्ष्य कम करके प्रभु भक्ति का लक्ष्य बनाइए। इससे जीवन का कल्याण हो सकेगा।इससे पहले आचार्य के सानिध्य में अंजनश्लाका महोत्सव में वेदिका, भैरव, क्षेत्रपाल, नवग्रह पाटला, दश दिक्पाल पाटला, अष्टमंगल पाटला, नंदावर्त, लघु सिद्धचक्र आदि पूजन हुए। शाम को च्यवन कल्याणक हुआ। सुरेंद्र गुरु ने पूजा व अनुष्ठा करवाए। कमलेश एंड पार्टी ने संगीत की प्रस्तुति से समां बांध दिया। शुक्रवार को परमात्मा का जन्म कल्याणक होगा।
Published on:
17 Jan 2025 07:41 pm
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