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वाइ-सीबीटी इंटरनेट की लत व मनोवैज्ञानिक संकट को कम करने में है उपयोगी

पायलट अध्ययन में निम्हांस ने किया खुलासा

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निम्हांस को नेल्सन मंडेला पुरस्कार

निम्हांस को नेल्सन मंडेला पुरस्कार

योग और संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (वाइ-सीबीटी) का एकीकरण Internet की लत और मनोवैज्ञानिक संकट को कम करने में उपयोगी है। निम्हांस के शोधकर्ताओं ने अपने एक पायलट अध्ययन के निष्कर्षों में ये तथ्य सामने रखे हैं। इंटरनेट की लत के प्रबंधन में योग चिकित्सा की नैदानिक उपयोगिता की खोज करने के उद्देश्य से, सर्विस फॉर हेल्दी यूज ऑफ टेक्नोलॉजी (शट) क्लिनिक और निम्हांस के इंटीग्रेटिव मेडिसिन विभाग के शोधकर्ताओं ने जुलाई से दिसंबर 2022 तक गंभीर इंटरनेट वाले किशोरों में वाइ-सीबीटी के प्रभाव का अध्ययन किया।

मेडिकल छात्र को थी ऑनलाइन सट्टेबाजी की लत

निम्हांस में नैदानिक मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर और शट के प्रमुख डॉ. मनोज कुमार शर्मा ने कहा, हमने पाया कि अत्यधिक इंटरनेट उपयोग को प्रबंधित करने के लिए सीबीटी के साथ योग को जोडऩा संभव व उपयोगी था। हमने गंभीर इंटरनेट लत वाले चार मामलों को उठाया, जिनमें 21 वर्षीय मेडिकल छात्र भी शामिल था। उसे जिसे ऑनलाइन सट्टेबाजी की लत थी।

ऑनलाइन बूस्टर सत्र

योग और संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी के दो सप्ताह के भीतर मनोवैज्ञानिक संकट में उल्लेखनीय कमी और नींद की गुणवत्ता में सुधार दिखा। एक योग विशेषज्ञ और मनोवैज्ञानिक ने क्रमश: दो सप्ताह के लिए योग के दस सत्र और सीबीटी कार्यक्रम के छह सत्र लागू करके व्यवहार्यता का परीक्षण किया। इसके बाद सप्ताह में एक बार ऑनलाइन बूस्टर सत्र आयोजित किए गए और 12 सप्ताह के बाद मूल्यांकन किया गया।

एक नया आयाम हो सकता है

12 सप्ताह के अंत में किसी भी समय गिरावट के बिना निरंतर सुधार की बात सामने आई। हालांकि, यह एक नियंत्रित अध्ययन नहीं है, सीमित साक्ष्यों के आधार पर निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी। फिर भी अब तक के निष्कर्षों के आधार पर कह सकते हैं कि योग और संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी अत्यधिक इंटरनेट उपयोग के क्षेत्र में भविष्य के नियंत्रण परीक्षणों के लिए एक नया आयाम हो सकता है।

इंटरनेट की लत एक व्यवहारिक समस्या

Nimhans में इंटीग्रेटिव मेडिसिन विभाग में योग के सहायक प्रोफेसर हेमंत भार्गव ने कहा कि इंटरनेट की लत एक व्यवहारिक समस्या है, जिसे औषधीय और गैर-औषधीय तरीकों से प्रबंधित किया जाता है। गैर-औषधीय पद्धतियां प्रौद्योगिकी के स्वस्थ उपयोग के लिए कौशल बढ़ाने और मानसिक विश्राम को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करती हैं। योग चिकित्सा मनोवैज्ञानिक तनाव को कम करने और आत्म-नियमन और सचेतनता को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी उपकरण है।