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खुदाई करते समय मिले 270 सिक्के, पुलिस ने दबिश देकर की बरामदगी

आम्बापुरा क्षेत्र में आड़ीभीत गांव से गुजरात के अहमदाबाद शहर में मजदूरी करने गए दो भाइयों सहित चार श्रमिकों को प्राचीन काल के चांदी के सिक्के मिले। उन्हें चोरी-छिपे लाकर घरों में छिपाने की जानकारी पर पुलिस ने दबिश देकर बरामदगी की है।

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270 coins found while digging

बांसवाड़ा/ आम्बापुरा. जिले के आम्बापुरा क्षेत्र में आड़ीभीत गांव से गुजरात के अहमदाबाद शहर में मजदूरी करने गए दो भाइयों सहित चार श्रमिकों को प्राचीन काल के चांदी के सिक्के मिले। उन्हें चोरी-छिपे लाकर घरों में छिपाने की जानकारी पर पुलिस ने दबिश देकर बरामदगी की है। गिनती पर कुल जब्त 270 सिक्कों पर अंग्रेजी में विक्टोरिया इंप्रेस लिखा हुआ है। ये सिक्के ब्रिटिश काल के करीब उन्नीसवीं सदी के बताए गए। पुलिस अब चारों से इस बारे में आगे पूछताछ में जुटी है।

मुखबिर की सूचना पर थानाधिकारी प्रकाशचंद्र मीणा के नेतृत्व में टीम ने यह कार्रवाई देररात को की। आड़ीभीत में जानकारी जुटाई तो पता चला कि आड़ीभीत से महीनेभर पहले शांति पुत्र लाबु डिंडोर, उसका भाई रितु उर्फ रितेश डिंडोर, भरत पुत्र बदिया डिंडोर, बहादुर पुत्र छगन डिंडोर व वालू पिता देवा डिंडोर मजदूरी करने गए थे। वहां एक ठेकेदार के अधीन खुदाई करते समय उन्हें सिक्के मिले तो चुपचाप उन्हें लेकर लौट आए। फिर आपस में बांट लिए इस पर पुलिस ने चारों को डिटेन कर अलग-अलग पूछताछ की।

इसमें इन्होंने स्वीकार किया कि खुदाई में उन्हें पुराने चांदी के सिक्के मिले थे, जिनके बारे में किसी को कुछ बताए बगैर वे बांसवाड़ा ले आए और अपने घरों में ही छिपाए हैं। इस पर पुलिस ने उनकी निशानदेही पर पेटियों से सिक्के बरामद कर सीआरपीसी की धारा 102 के तहत जब्त किए। कार्रवाई दल में थानाधिकारी मीणा के साथ एएसआई रमेशचंद्र डामोर, हैड कांस्टेबल विशालसिंह, कांस्टेबल सतीश कुमार, सुनील और विठल शामिल रहे।

परिजन उखड़े, सरपंच आए और गए
इससे पहले रात को कार्रवाई के दौरान चारों श्रमिकोंं के परिजन यह कहकर आक्रोश जताने लगे कि सिक्के चोरी करके नहीं लाए। मिले थे, तो ले लिए। ऐसे में पुलिस की रात में कार्रवाई गलत है। इसे लेकर ग्रामीणों की सूचना पर आड़ीभीत सरपंच भी पहुंचे, लेकिन शंका पर बिना कुछ सुने-कहे वे निकल गए। इस बीच, डीएसपी बांसवाड़ा को भी किसी ने सूचना दी। फिर जैसे-तैसे समझाइश कर अपना काम पूरा कर पुलिस दल थाने लौटा।