
बांसवाड़ा। शहर में मनमाने बिजली बिलों से लोग त्रस्त हैं। इसकी बानगी अजमेर डिस्कॉम के शहरी उपखंड द्वितीय के अधीन जानावरी क्षेत्र में एक घरेलू उपभोक्ता को अचानक थमाए 85 हजार के बिल से दिखलाई दी। नियमित बिल भरने के सिलसिले के बावजूद ऑडिट के नाम पर अब जबरन वसूली के दबाव पर अब वह डिस्कॉम और उसकी सेवा प्रदाता सिक्योर के दफ्तरों के धक्के खा रहा है।
मामले में उपभोक्ता राजेंद्रसिंह पुत्र रामसिंह सिसोदिया ने बताया कि उनके घर के मीटर में 200-250 यूनिट से ज्यादा का उपभोग बीते एक साल में कभी नहीं आया। दो साल में एक-दो बिल भरने में देरी भले ही हुई, लेकिन कोई भुगतान बाकी नहीं रखा। इसके बावजूद अक्टूबर का बिल 85 हजार 986 रुपए का बिल थमा दिया गया। बिल में तय तिथि के बाद भुगतान पर 87 हजार 586 रुपए राशि भरना बताने से सिसोदिया सन्न रह गए।
इसे लेकर उन्होंने शिकायत भी की, लेकिन यह कहकर टाल दिया गया कि अप्रेल, 2021 से अक्टूबर,2021 के छह माह शून्य रीडिंग रही, जिसके चलते ऑडिट टीम ने यह राशि निकाली है। संशोधन की बात पर डिस्कॉम से पहले आधा भुगतान करने का दबाव बनाया गया, जबकि डिस्कॉम से ही रेकॉर्ड निकलवाने पर पता चला कि उन छह माह में औसतन 400 यूनिट हर माह निगम वसूल चुका है।
सिसोदिया ने बताया कि सितम्बर, 2021 में लगातार जीरो रीडिंग बताने पर खुद मीटर टेस्टिंग फीस भरकर बदलने का आग्रह किया। तब तक भी न्यूनतम 218 और अधिकतम 798 यूनिट औसत उपभोग बताते हुए जो भी बिल दिए सभी भर दिए। सिसोदिया ने दावा किया कि बीते ढाई साल में भी 400 यूनिट का उपभोग उनके केवल दो बार आया, जबकि उन महीनों विशेष आयोजनों के चलते बिजली का ज्यादा इस्तेमाल हुआ।
फिर भी औसत भुगतान किया और अब उसी के नाम से दोबारा भारी भरकम राशि मांगी जा रही है। इसे लेकर सिक्योर के अधिकारियों से बात की, तो वे निगम की ऑडिट का हवाला देते रहे, वहीं निगम में सुनवाई नहीं हो रही। ऐसे में उन्हें बेवजह दौड़भाग करनी पड़ रही है।
इनका कहना है...
मामला जानकारी में आया है। ऑडिट टीम ने वर्ष 2021 के छह माह की शून्य रीडिंग को देखकर पैरा बना दिया होगा। उसी आधार पर बिल जारी कर दिया गया। इसे सेटलमेंट में लेकर सुधार करवाया जाएगा।
बीएल मेघवाल, सहायक अभियंता अजमेर डिस्कॉम शहरी उपखंड द्वितीय
Published on:
30 Nov 2023 02:06 pm
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