
बांसवाड़ा।
बेणेश्वरधाम राजस्थान का ऐसा स्थान जहां तीन नदियों के संगम स्थल पर बना टापू महज एक पर्यटक स्थल ही नहीं है, बल्कि लाखों लोगों की आस्था का केन्द्र है। माघ माह में भरने वाले मेले में यहां लाखों लोग दर्शन और पवित्र स्नान के लिए आते हैं। धार्मिक पर्यटन में रुचि लेने वालों के लिए यह स्थान बेहतरीन जगहों में से एक है।
यह एक ऎसा स्थान है जो आदिवासी संस्कृति से जुड़े इतिहास की वजह से दुनियाभर में पहचान रखता है। बांसवाड़ा जिले में माही, सोम और जाखम नदियों के पावन जल से घिरा बेणेश्वर टापू प्राकृतिक सौन्दर्य का केन्द्र तो है ही, साथ ही विविध संस्कृतियों का नजारा भी यहां देखने को मिलता है। यह धाम बांसवाड़ा जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर स्थित है।
मेले में वागड़ अंचल के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों विशेष रूप से मध्यप्रदेश और गुजरात से भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं। मेले के दौरान पवित्र जल संगम तीर्थ में स्नान, अस्थि विसर्जन, देव दर्शन, खरीदारी के साथ मनोरंजन की सभी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं।
मान्यताओं के अनुसार यह मेला करीब तीन सौ वर्ष से भर रहा है। यहां संत मावजी महाराज और बेणेश्वर की गाथाएं हर जगह पर प्रचलित हैं। संगम पर डुबकी लगाने के पश्चात भगवान शिव के दर्शन के लिए बेणेश्वर मंदिर जाने को हर कोई बेताब रहता है। बेणेश्वर मंदिर के परिसर में लगने वाला यह मेला भगवान शिव को समर्पित होता है। संगम पर बने इस मंदिर के निकट भगवान विष्णु का भी मंदिर है, जिसके बारे में मान्यता है कि जब भगवान विष्णु के अवतार माव जी ने यहां तपस्या की थी, यह मंदिर उसी समय बना था।
Published on:
14 Feb 2019 04:56 pm
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