
फाइल फोटो पत्रिका
Rajasthan Crime : बांसवाड़ा जिले के मोटागांव क्षेत्र से करीब 8 दिन पहले लापता व्यापारियों में से एक का शव माही नदी में मिलने के बाद उलझे मामले में नया मोड़ आ गया है। दूसरे व्यापारी की तलाश में सोमवार को पुलिस को सफलता मिल गई। हालांकि पुलिस ने इसका खुलासा नहीं किया, लेकिन सूत्रों ने बताया कि अब तक जिसके साथ अनहोनी की आशंका जताई जा रही थी, वह सलामत मिलने से प्रकरण में नए सवाल खड़े हो गए हैं।
गौरतलब है कि गत 8 सितंबर को दोपहर में कार में सवार होकर निकले मोटागांव निवासी किराणा कारोबारी सुरेश पुत्र कन्हैयालाल सोनी और ई-मित्र हर्षित पुत्र पूर्णाशंकर शर्मा लापता हो गए। दूसरे दिन रात तक उनकी कोई जानकारी नहीं मिलने पर चिंतित हर्षित के भाई गगन शर्मा ने मोटागांव थाने में रिपोर्ट दी। इसमें सुरेश द्वारा जबरन साथ ले जाने और हर्षित के साथ अनहोनी की आशंका जताते हुए एफआईआर दर्ज कर जांच और कार्रवाई की गुहार की। उसके बाद पुलिस तलाश में जुटी।
इसी बीच, 11 सितंबर को सागवाड़ा वृत में फलातेड़ गांव के पास माही नदी में सुरेश का शव मिला तो संदेह गहराया गया। शव लाकर पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो लसाड़ा पुल से कुछ दूरी पर पानी में सुरेश की कार मिली, लेकिन उसमें सुरेश और हर्षित के जूते ही थे। इससे मामला और गंभीर हो गया। उसके बाद परिजनों के बढ़ते दबाव पर पुलिस की टीमें लगाई गईं।
सूत्रों ने बताया कि मुखबिर तंत्र और तकनीक की मदद से पुलिस को हर्षित के संकेत मिले। इस पर उसे सोमवार को बांसवाड़ा बुलाया गया। सूत्रों ने उसके सरेंडर करने का दावा किया। हालांकि पुलिस ने हर्षित डिटेन होने की पुष्टि नहीं की। इसके पीछे कयास रहा कि तमाम पूछताछ के बाद ही पुलिस मामले का खुलासा करेगी।
8 सितम्बर - दोपहर 1 बजे हर्षित शर्मा को सुरेश सोनी अपने साथ ले गया। सिडॉन कार में निकले और फिर घर नहीं लौटे।
8 सितम्बर शाम -दोनों की लोकेशन गढ़ी, बांसवाड़ा, सुंदनी, गनोड़ा और पालोदा के बीच ट्रेस हुई।
9 सितम्बर - हर्षित के भाई गगन शर्मा ने थाने में नामजद रिपोर्ट देकर सुरेश पर आरोप लगाया।
9 सितम्बर - शाम 5 बजे दोनों को पालोदा पेट्रोल पंप व बाद में पौने आठ बजे पिंडावल घाटी देखा गया।
10 सितम्बर - लसाड़ा पुल के नीचे रेस्क्यू सर्च ऑपरेशन चलाया।
11 सितम्बर - सुरेश का शव सागवाड़ा क्षेत्र की माही नदी में मिला।
12 सितम्बर - पुल के नीचे पानी में कार मिल गई, जिसे बाहर निकाला।
मामला मोटागांव थाने का है, लेकिन सीओ महेंद्रकुमार मेघवंशी के निकट पर्यवेक्षण में पुलिस हर्षित को अनुसंधान के लिए खमेरा थाने ले गई। उससे रात तक पूछताछ का सिलसिला जारी रहा। हालांकि इस बारे में जानकारी लेने के प्रयास पर देररात तक पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी, सीओ मेघवंशी और खमेरा थानाधिकारी रमेशचंद्र सेन तीनों के फोन नो रिप्लाई रहे।
Updated on:
16 Sept 2025 01:07 pm
Published on:
16 Sept 2025 01:05 pm
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