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बांसवाड़ा : सुविधा के बाद भी आहत कर रही ‘सोनोग्राफी’

जिला कलक्टर के निर्देश पर शुरू हुई थी सुविधा

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बांसवाड़ा : सुविधा के बाद भी आहत कर रही ‘सोनोग्राफी’

बांसवाड़ा. जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिला कलक्टर के निर्देश के बाद महात्मा गांधी अस्पताल में शुरू हुई सोनाग्राफी सुविधा मरीजों और गर्भवतियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।
महात्मा गांधी चिकित्सालय में लंबे समय से बंद पड़ी सोनोग्राफी सुविधा प्रारंभ होने से मरीजों और गर्भवतियों को राहत तो मिली, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की दुरुस्त व्यवस्थाएं न होने के कारण निशुल्क सोनोग्राफी की यह सुविधा मरीजों के लिए दुविधा बन रही है। मरीजों की अधिकता, रेडियोलॉजिस्ट की कमी, अन्य सरकारी चिकित्सालयों में निशुल्क सुविधा नहीं मिलने जैसी दिक्कतें मरीजों और गर्भवतियों के लिए जांच में समस्या उत्पन्न कर रही हैं।

गर्भवती का हंगामा
तीन दिन से सोनोग्राफी कराने के लिए परेशान एक गर्भवती ने शनिवार सुबह पीएमओ चेंबर के पास जाकर हंगामा किया। उसने बताया कि सोनोग्राफी के लिए अस्पताल आ रही है, लेकिन सोनोग्राफी नहीं हुई। शनिवार को चिकित्सक ने बुलाया और वो साढ़े नौ बजे तक नहीं पहुंचे। बाद में उप नियंत्रक और उपस्थित अधिकारियों से गर्भवती से समझाइश कर मामला शांत कराया।

प्रबंधन का तर्क
प्रबंधन का कहना है कि अस्पताल में सोनोग्राफी की निशुल्क सुविधा होने के कारण पूरे जिले से मरीज और गर्भवती आते हैं। जांच में 10 से 15 मिनट का समय लगता है। मरीजों की अधिक संख्या के कारण थोड़ी अव्यवस्था जरूर होती है।

केस 01 : तीन दिन से लगा रही हंू चक्कर
हमीरपुरा निवासी गर्भवती तारा पत्नी ब्रजेश ने बताया कि गुरुवार से वह सोनोग्राफी के लिए आ रही है। गुरुवार और शुक्रवार दोनो दिन बैरंग लौटा दिया गया। 45-50 किमी दूर से बाइक पर आना बहुत बड़ी मुसीबत है। अब तीसरे दिन शनिवार को जांच का नंबर आया है।

केस 02 : भर्ती मरीज को भी दिक्कत
महिला वार्ड में भर्ती लीला पत्नी जीवा के भाई देवीलाल ने बताया कि चिकित्सक ने शुक्रवार शाम को सोनोग्राफी के लिए कहा था। शनिवार सुबह मरीज को लेकर पहुंचे तो चिकित्सक ही नहीं आए। जांच के लिए मरीज को दोबारा दूसरी मंजिल से नीचे लाना पड़ा।


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