
जली रोटियां और पोहे लेकर कलक्ट्रेट पहुंची छात्राएं। फोटो: पत्रिका
Banswara News: बांसवाड़ा शहर के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में पढ़ रहीं आदिवासी छात्राएं छात्रावास में खाने में परोसी जली हुई रोटियां और पोहे लेकर जिला कलक्ट्रेट की दहलीज पर पहुंचीं। उन्होंने कलक्ट्रेट पहुंची छात्राओं ने अतिरिक्त जिला कलक्टर राजीव द्विवेदी के सामने जली हुई व कच्ची रोटियां और कच्चे पोहे रख दिए। छात्राओं ने उन्हें बताया, ‘साहब! हमें जो खाना दिया जाता है, वह जानवर भी न खाएं। कभी रोटी जली होती है तो कभी पोहा कच्चा होता है। विरोध करने पर हमें चुप करवा दिया जाता है।’
छात्राओं ने यह भी सनसनीखेज आरोप लगाया कि हॉस्टल में उनसे ही खाना बनवाया जाता है, जबकि इसके लिए अलग से रसोइए की व्यवस्था होती है। छात्राओं ने बताया कि विद्यालय में कुल 100 छात्राएं नामांकित हैं, जिनमें से करीब 60-70 नियमित हॉस्टल में रहती हैं। एडीएम ने छात्राओं को मामले की जांच और उचित कार्रवाई का भरोसा दिया।
छात्राओं ने आरोप लगाया कि नियमानुसार साबुन, तेल और अन्य जरूरी व्यक्तिगत उपयोग की सामग्री भी हर महीने की बजाय तीन-तीन महीने में एक बार दी जा रही है।
छात्राओं ने आरोप लगाया कि लंबे समय से उन्हें मिलने वाली छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया गया है, जिससे उनकी पढ़ाई और निजी जरूरतें प्रभावित हो रही हैं।
यह भी बताया कि यदि विद्यालय में 1-2 दिन का भी अवकाश होता है, तो हॉस्टल प्रबंधन छात्राओं को जबरन घर भेजने के लिए दबाव बनाता है, जबकि यह आवासीय विद्यालय है, जहां वे ठहर सकती हैं।
Updated on:
25 Dec 2025 07:20 am
Published on:
25 Dec 2025 07:19 am
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