मौसम विभाग केंद्र के अनुसार आज मध्य प्रदेश और आसपास के पूर्वी राजस्थान के ऊपर एक परिसंचरण तंत्र बना हुआ है।
बांसवाड़ा। मौसम विभाग केंद्र के अनुसार आज मध्य प्रदेश और आसपास के पूर्वी राजस्थान के ऊपर एक परिसंचरण तंत्र बना हुआ है। इसके प्रभाव से पूर्वी राज के कुछ भागों में आगामी 2-3 दिन बारिश की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है। विभाग के अनुसार 10 सितंबर को भरतपुर, उदयपुर, जयपुर व कोटा संभाग के कुछ भागों में मेघगर्जन बारिश होने और धौलपुर, भरतपुर व आसपास के जिलों में एक दो स्थानों पर भारी बारिश (IMD Heavy Rain Alert) भी होने की संभावना है।
वहीं 11 सितंबर को भरतपुर, कोटा व जयपुर संभाग के कुछ भागों में बारिश की गतिविधियां जारी रहने और 12-13 सितंबर को पूर्वी राजस्थान में छुटपुट स्थानों पर बारिश होने की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर व बीकानेर जिलों में आगामी दो दिन अधिकतम तापमान औसत से 4-6 डिग्री सेल्सियस अधिक आगामी बने रहने व केवल छुटपुट स्थान पर हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने की संभावना। वहीं दूसरी तरफ बांसवाड़ा में मानसून शनिवार रात करीब साढ़े 10 बजे बांसवाड़ा शहर पर मेहरबान हुआ। ठंडी हवा के साथ मौसम पलटा और कुछ ही देर में मूसलाधार बारिश का दौर शुरू हो गया। करीब एक घंटे से भी अधिक समय पर तेज बरसात से सड़कों पर पानी बह निकला। इधर, माहीसागर बांध कैचमेंट एरिया में अब तक पर्याप्त वर्षा नहीं होने से अपनी कुल भराव क्षमता से लगभग 20 प्रतिशत खाली है। गत वर्ष के मुकाबले बांध में करीब सवा दो मीटर से अधिक जलस्तर कम है।
बोरखेड़ा गांव में बना माही बांध जिले की 80 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित करता है। इसके पानी से ही जिले में बिजली उत्पादन भी होता है। लाखों लोगों के हलक तर करने में भी बांध के पानी की महती भूमिका है। प्रतिवर्ष मानसून सीजन आते ही अंचलवासियों की आस बांध के पूरा भर जाने की होती है। 281.50 मीटर की कुल भराव क्षमता वाला बांध इस बार अब तक लगभग 20 प्रतिशत खाली है। नौ सितंबर तक बांध में 80.38 प्रतिशत पानी है और बांध का जलस्तर 248.45 मीटर है। जबकि गत वर्ष इसी दिन बांध का जलस्तर 280.80 मीटर था। इस बार 277 मीटर जलस्तर पहुंचने के बाद कुछ दिन बिजली उत्पादन के लिए पानी दिया गया।
.. तो नहीं दिखेगा नजारा
माही बांध में प्रमुख आवक मध्यप्रदेश के धार, एराव आदि से से होती है। इस बार जलग्रहण क्षेत्रों में भी पर्याप्त बारिश नहीं हुई है और आवक भी अत्यंत कम रही है। अब भी बांध करीब सवा दो मीटर से अधिक खाली है। आगामी दिनों में बारिश नहीं हुई तो बांध के गेट खोले जाने की भी संभावना कम ही रहेगी। हालांकि 2021 में विदाई की वेला में मानसूनी मेहर के कारण बांध के गेट 21 सितंबर को खुले थे।
पांच जलाशय अभी लबालब
इस बार मानसून सीजन में जल संसाधन विभाग के अधीन छह बांध ही पूरे भरे। इसमें भी सुरवानिया बांध लबालब होने पर गेट खोले गए थे। वर्तमान में सोनारिया, भमरी टाड़ी, छोटी टांडी, हिम्मतगढ़ी व नवाखेड़ा बांध लबालब हैं, जबकि हारो, मकनपुरा, भगोरा, फूटन, देलवाड़ा, मेमखोर, बोरीवान गढ़ी, पाणदा आदि में 50 प्रतिशत से कुछ अधिक ही पानी आया है।