– वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान लॉकडाउन में विद्यार्थियों के शैक्षिक उन्नयन के लिए पठन-पाठन सामग्री ई कंटेंट के रूप में तैयार की गई। वे इस सामग्री को प्रतिदिन ऑडियो के रूप में तैयार कर सोशल मीडिया प्लेटफॉॅर्म के माध्यम से विद्यार्थियों तक निशुल्क पहुंचा रहे हैं।
– विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को पिछले 10 वर्षों से निशुल्क मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं। इससे अब तक करीब 3000 विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं तथा 200 से अधिक अभ्यार्थी विभिन्न परीक्षाओं में चयनित भी हुए हैं
– दृष्टिबाधित के लिए काम करने वाले रिकॉर्डिंग क्लब नामक संस्था के तत्वावधान में राष्ट्रीय स्तर पर जूम एप के माध्यम से अंग्रेजी विषय का शिक्षण विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों को पिछले 1 माह से करा रहे है।
– अंग्रेजी जैसे कठिन विषय को सरलीकृत करके स्वाभाविक तरीके से भाषा को सीखने के लिए विशिष्ट तकनीक का प्रयोग करते हुए ग्राह्य बनाने का प्रयास भी किया जा रहा हैं।
मूलत: बोरी गांव के शिक्षक शर्मा बताते है कि सरकारी सेवा के तय समय के अलावा निशुल्क शिक्षा देने का मकसद यही है कि अपने पास जो ज्ञान हैं वो विद्यार्थियों तक पहुंचे एवं उनका भविष्य संवरे। कई विद्यार्थी ऐसे है, जो फीस दे कर कोचिंग नहीं ले सकते हैं, उनको मदद जरूरी हैं। दृष्टिबाधितों के सामने आने वाली शैक्षिक समस्याओं से मैं वाकिफ हूं। ऐसे में उनके लिए हरदम तैयार रहता हूं।