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पालोदा ।मेतवाला के जैन मंदिर में आयोजित सिद्धचक्र महामंडल विधान का समापन गुरुवार को विश्वशांति महायज्ञ और शोभायात्रा के साथ हुआ।
आचार्य पंचकल्याणक सागर, क्षुल्लक पंचसुज्ञानसागर महाराज के सान्निध्य व पं. नितिन शास्त्री के निर्देशन में अंतिम दिन सुबह भगवान के पंचामृत अभिषेक के बाद अन्य अनुष्ठान हुए।
यहां आयोजित धर्मसभा में आचार्य ने कहा कि देश, धर्म, राज, माता-पिता और गुरु द्रोही व्यक्ति जीवन में कहीं सम्मान नहीं पाते हैं। जो व्यक्ति धर्म, न्याय, नीति और प्रीतिपूर्वक जीवन व्यतीत करता है, वह सर्व वंदनीय रहता है। इसके बाद विश्वशांति महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई। अंत में गांव में रथयात्रा निकाली गई, जिसमें पालोदा, खोडन, गनोड़ा गांवों के श्रद्धालुओं ने भी भाग लिया।
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