जिला अस्पताल सूत्रों के अनुसार दिवाली से पहले संक्रमितों की संख्या कम हुई, जो 9 नवंबर से 11 नवंबर तक सिंगल डिजिट में आ गई। इसके बाद 12 से 17 नवंबर तक आंकड़ा 15 तारीख के शून्य को छोड़कर डबल डिजिट में आ गया। हालांकि इस बीच ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं के बराबर नमूने लिए गए, लेकिन यहां अस्पताल में लिए नमूनों में से भी काफी नए मरीज आए हैं। उधर, मोरड़ी मिल की इकाइयों से भी हर दूसरे दिन संक्रमित मिल रहे हैं। बुधवार को यहां अस्पताल के विभिन्न वार्डों में 13 मरीजों में से छह पॉजिटिव, छह संदिग्ध और एक पॉजिटिव से नेगेटिव मरीज भर्ती रहा। इनमें 9 जनों को ऑक्सीजन देनी पड़ी है।
उधर, पड़ोसी गुजरात के अहमदाबाद शहर में अप्रत्याशित रूप से मरीज बढ़े हैं। वहां जांच के लिए पहुंचे नमूनों में 50 फीसदी पॉजिटिव आने से निजी-सरकारी अस्पतालों में भर्ती करने को जगह नहीं बची है। ऐसे में डिप्टी सीएम नितिन पटेल को आपात बैठक बुलाकर सेल्फ लॉकडाउन के आह्वान के लिए विचार कर आगे की रणनीति बनानी पड़ी है।
फेस्टिवल सीजन में संक्रमित कम रहने के बाद कोविड मरीज बढऩे लगे हैं। अहमदाबाद में स्थिति ज्यादा खराब होने के संकेत हैं। जिले में सीएमएचओ से पैराफेरी में सेंपलिंग के लिए चर्चा की है। लोगों को खुद अवेयर होकर मास्क, सेनिटाइजेशन पर जोर देना होगा, वरना यहां भी स्थिति बेकाबू होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
– डॉ. अनिल भाटी, पीएमओ एमजी अस्पताल