
बांसवाड़ा. जिले में अंधविश्वास का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिले के बागीदौरा क्षेत्र में एक बार फिर बुखार और ताण के उपचार के नाम पर मासूम को जलती अगरबत्ती दागने का खेल सामने आया। इस बार यह कृत्य किसी भोपे ने नहीं बल्कि नानी ने अपनी नाती के साथ किया। तबीयत बिगडऩे पर मंगलवार को उसे महात्मा गांधी अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती किया गया।
नानी ने अगरबत्ती से माथे पर दिया डाम
बागीदौरा क्षेत्र के वड़ली पाड़ा गांव के धूलिया ने बताया कि आठ दिन पूर्व उसके पांच साल के बेटे निकुल के बुखार आया था। जिसके बाद वह स्वत: ही ठीक हो गया था। मंगलवार शाम को अचानक खेलते खेलते उसे उल्टी हुई और ताण आने लगी। इस पर नानी रतन पत्नी खोमा और काका ने अगरबत्ती से उसके माथे पर दो ‘डाम’ दिए। इसके बाद बच्चे का स्वास्थ्य और बिगड़ गया, जिस पर उसे बागीदौरा चिकित्सालय लेकर गए, जहां से उसे महात्मा गांधी अस्पताल के लिए रैफर कर दिया गया। बीमारी को लेकर चिकित्सकों ने बताया कि निकुल को ताण और बुखार की समस्या है। उपचार किया जा रहा है।
फरवरी से अभी तक चौथी घटना
जिले में मासूमों को उपचार के नाम पर ‘डाम’ देने की फरवरी से अभी तक चौथी घटना है। लगातार हो रही घटनाओं के बाद भी प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है। चिकित्सा विभाग ने भी इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। पिछले दिनों ही एक बालक को ताण से राहत दिलाने के नाम पर माता पिता ने एक भोपे से पेट पर तीन डाम लगवाए थे। जिससे बालक की तबीयत और भी ज्यादा बिगड़ गई थी और उसे महात्मा गांधी राजकीय अस्पताल बांसवाड़ा से उदयपुर रैफर किया गया था। इसके अलावा भी पिछले कुछ दिनों में ही डाम के दो और मामले सामने आए थे।
Published on:
02 May 2018 09:18 am
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