
बांसवाड़ा. गनोड़ा क्षेत्र के असोड़ा गांव में बच्चे के डाम लगाने के मामले नया खुलासा हुआ है। बच्चे के पेट पर तीन जगह डाम लगाने की बात पर उसकी मां राधा ने बताया कि बच्चे की सांस चलने की शिकायत थी तो कुछ दिन पहले उसकी सास और अन्य कुछ महिलाओं ने डाम लगाने को कहा। इसके बाद वो बच्चे को लेकर पास के एक गांव में डाम लगवाने के लिए सास के साथ गई। जहां भोपे ने बच्चे के पेट पर तीन स्थानों पर गर्म सलाखों से दाग दिया। इसके बाद ही बच्चे की तबीयत ज्यादा बिगड़ी।
बच्चा बीमार होने पर पहुंचा पिता
बच्चे के पिता पिन्टू पुत्र रावजी डोडियार ने बताया कि वो गुजरात में मजदूरी करता है। घर वालों का फोन आया कि उसके बेटे की तबीयत ज्यादा खराब है और उदयपुर लेकर आए हैं। जिसके बाद आननफानन मैं उदयपुर पहुंचा। डाम लगाने की बात पर पिन्टू ने बताया कि वो घर पर नहीं था। लेकिन इतना जरूर पता है कि बच्चे के सांसें तेज चलने की शिकायत थी। जिस पर गांव की कुछ महिलाओं ने डाम लगाने की बात कही। डाम देने के बाद ही बच्चे के स्वास्थ्य में ज्यादा तेजी से गिरावट आई।
बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार
महात्मा गांधी अस्पताल से उदयपुर पहुंचने के बाद महाराणा भूपाल अस्पताल के अधीन संचालित बाल चिकित्सालय के आईसीयू में एक वर्षीय आकाश पुत्र पिन्टू का उपचार जारी है। चिकित्सकों के अनुसार बच्चे की हालत में काफी सुधार है और वो खतरे से बाहर है। अभी उसका उपचार जारी रहेगा।
पाबंद किया है
यह बहुत शर्मनाक है कि बार-बार ऐसी घटनाएं समाने आ रही हैं। इसके लिए प्रशासन को पाबंद कर दिया गया है कि ऐसे कृत्य में लिप्त लोगों पर कार्रवाई हो। इसकी रोकथाम के लिए आयोग सख्त कदम उठाएगा।
मनन चतुर्वेदी, अध्यक्ष, राज्य बाल संरक्षण आयोग
गनोड़ा : इधर, बच्चे के घर पर पसरा सन्नाटा
गनोड़ा. बच्चे की तबीयत बिगडऩे के कारण घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है। लोहारिया थाने से महज 200 मीटर दूर स्थित पिन्टू के घर पर कोई नहीं है। सभी बच्चे के उपचार को लेकर उदयपुर गए हुए हैं। घटना को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि पिन्टू की पत्नी राधा उसके पीहर आसोड़ा में कुछ दिनों से रह रही थी। बच्चे की तबीयत खराब होने पर यहां आई थी। लेकिन अभी घर पर कोई नहीं है।
चार माह में दूसरी घटना, प्रशासन मौन
नवजातों को डाम लगाने की वर्ष की यह दूसरी घटना है। इसके पूर्व परतापुर क्षेत्र के लोहारिया पाड़ा गांव में भी 14 फरवरी को 18 माह के बच्चे को डाम लगाने का मामला सामने आया था। जिसकी हालत गंभीर होने पर परिजनों ने उसे महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती किया था। लेकिन उसके बाद भी भोपों की धरपकड़ के लिए महज खानापूर्ति कर इतिश्री कर ली गई। और अब यह मामला समाने आने पर भी प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए।
Published on:
10 Apr 2018 01:05 pm
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