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राजस्थान के कुशलगढ़ क्षेत्र के पहली बार रेल नक्शे पर आने की उम्मीद जगी, बनाई जानी है 380 KM लंबी रेल लाइन

लंबे इंतजार के बाद दक्षिण राजस्थान के कुशलगढ़ क्षेत्र के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। अब तक रेल सुविधा से वंचित यह इलाका पहली बार देश के मुख्य रेल नेटवर्क से जुड़ेगा।

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New railway line will connect north to south

प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो सोर्स: सोशल मीडिया

कुशलगढ़। लंबे समय से पिछड़ेपन और उपेक्षा का दंश झेल रहे कुशलगढ़ क्षेत्र के पहली बार रेल नक्शे पर आने की उम्मीद जगी है। नीमच-बांसवाड़ा-दाहोद-नंदुरबार नई रेल लाइन परियोजना के लिए रेल मंत्रालय ने हाल ही में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) की मंजूरी दी है।

इस 380 किलोमीटर लंबी लाइन से मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात के आदिवासी अंचल सीधे देश के मुख्य रेल नेटवर्क से जुड़ेंगे। यह दिल्ली-मुंबई मार्ग की सबसे छोटी और तेज कनेक्टिविटी भी बनेगी। लेकिन, अब कुशलगढ़ को रेल मार्ग में शामिल करने की विशेष मांग उठी है।

बांसवाड़ा निवासी सीए डॉ. पथिक मेहता ने सीधे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजा है। उन्होंने डीपीआर में बांसवाड़ा-टिमेड़ा-कुशलगढ़-डूंगरा-चकल्या-दाहोद मार्ग को शामिल करने का आग्रह किया है।

उनका कहना है कि कुशलगढ़ को ऐतिहासिक रूप से दिल्ली-मुंबई रेल लाइन से जोड़ा जाना प्रस्तावित था, लेकिन ब्रिटिश शासनकाल में थांदला-मेघनगर मार्ग को प्राथमिकता दी गई।

अब कुशलगढ़ जैसे आदिवासी अंचल को रेल कनेक्टिविटी दी जाने की जरूरत है। यह सामाजिक न्याय, क्षेत्रीय विकास, पर्यटन और रोजगार सृजन की दिशा में ऐतिहासिक कदम होगा।