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अच्छी खबर : प्रदेश के 210 बांधों की उम्र और सुरक्षा बढ़ाने पर 1205 करोड़ खर्च का प्रस्ताव

माही बांध के लिए 40 करोड़ के प्रस्ताव, सुरवानिया और हेरो डेम का भी होगा रखरखाव, ड्रीम टीम ने देखे बांसवाड़ा के तीनों बांध, लिया जरूरतों का जायजा

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बांसवाड़ा. विश्व बैंक की मदद से डेम रिहेबिलिएशन एंड इम्पू्ररुवमेंट प्रोजेक्ट [ड्रीम] के तहत प्रदेश के दो सौ दस बांधों के पुनर्वास, सुधार और सुरक्षा उपायों पर बारह सौ करोड़ रुपए खर्च की योजना है। इसे लेकर बुधवार को ड्रीम टीम ने बांसवाड़ा जिले के माही, सुरवानिया और हेरो डेम का निरीक्षण किया।

सुरक्षा और उम्र में इजाफा करने की मंशा

केन्द्रीय जल आयोग की ओर से देश के बांधों की सुरक्षा एवं उनकी उम्र बढ़ाने की मंशा को लेकर प्रदेश के 400 में से 210 और जिले के तीन बांधों को ड्रिप योजना के दूसरे चरण में बजट आवंटन का प्रस्ताव है। इसके तहत माही परियोजना की ओर से माही बांध के आवश्यक रखरखाव एवं सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए 40 करोड़ के प्रस्ताव तैयार किए हैं।

आवश्यकताओं का अवलोकन करने के लिए बुधवार को डेम सेफ्टी रिव्यू पैनल.2 के चेयरमैन ए के बजाज की अगुवाई में सर्वेक्षण विभाग के पूर्व निदेशक एस एस आमेटा, बांध सुरक्षा निदेशक राजेश कालोरिया, विशेषज्ञ डी सी देराश्री, रवींंद्र भटनागर आदि की ड्रीम टीम ने माही, सुरवानिया और हेरो डेम पर जाकर जरूरतों और वांछित सुधारों की आवयश्कता का जायजा लिया। टीम को अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेश टेप्पन और अधीक्षण अभियंता जितेंद्र वर्मा ने बांध संबंधित जानकारी दी। टीम ने इससे पूर्व राजसमंद और उदय सागर झील का भी अवलोकन किया। टीम ने शाम को कागदी पिकअप का अवलोकन भी किया।

माही बांध का सालों से नहीं हुआ रखरखाव

करीब 35 साल पुराने माही बांध के ं सालों से रखरखाव के अभाव में सिल्ट नहीं निकाले जाने से इसकी भराव क्षमता में भी कमी आई है। बरसात के दौरान गेट खोलने की तकनीक भी पुरानी हो गई है। इसे ध्यान में रखते हुए यहां ओटोमेटेड गेट लगाने की आवश्यकता बताई गई है। बांध एवं सुरंग की सुरक्षा व्यवस्था को भी बढ़ाने का प्रस्ताव है।

सुरवानिया बांध

सुरवानिया नदी पर बने सुरवानिया बांध की क्षमता 12 मीटर की है एवं आस-पास के सैकड़ों बीघा जमीन को सिंचित किया जाता है। साथ ही इन गांवों में पेयजल के लिए भी पानी यहीं से लिया जा रहा है। करीब 30 साल पुराने इस बांध का कभी रखाव नहीं नहीं किया गया है जिसके चलते भराव क्षमता कम होने लगी है एवं गेट और बांध भी क्षतिग्रस्त होने लगा है।

हेरो बांध

घाटोल क्षेत्र के हेरो बांध से आस-पास के दर्जनों गांवों में सिंचाई होती है। साथ ही पेयजल के लिए भी पानी का उपयोग किया जाता है।

माही बांध का शिलान्यास--नवम्बर 1960
कार्य प्रारम्भ--नवम्बर 1971
बांध का उद्घाटन- 1 नवम्बर 1983
बांध की ऊंचाई-43 मीटर
बांध की लम्बाई-2674 मीटर
कुल भराव क्षमता-281.50 मीटर
नहरों की लम्बाई-करीब 2500 किलोमीटर