scriptजयपुर एसीबी ने बांसवाड़ा में खोली भ्रष्टाचार की पोल, पीडब्ल्यूडी इंजीनियर 65 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार | PWD acting Executive Engineer arrested for taking bribe in banswara | Patrika News

जयपुर एसीबी ने बांसवाड़ा में खोली भ्रष्टाचार की पोल, पीडब्ल्यूडी इंजीनियर 65 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

locationबांसवाड़ाPublished: Sep 09, 2020 11:06:02 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Jaipur ACB, Taking Bribe In Rajasthan : कार्यवाहक अधिशासी अभियंता के साथ दो बिचौलिए ठेकेदार भी धरे

जयपुर एसीबी ने बांसवाड़ा में खोली भ्रष्टाचार की पोल, पीडब्ल्यूडी इंजीनियर 65 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

जयपुर एसीबी ने बांसवाड़ा में खोली भ्रष्टाचार की पोल, पीडब्ल्यूडी इंजीनियर 65 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

बांसवाड़ा. जिले में सार्वजनिक निर्माण विभाग में ठेके पर चल रहे कामकाज में भ्रष्टाचार की पोल बुधवार को एसीबी, जयपुर की टीम ने बड़ी कार्रवाई से खोल दी। यहां सरकारी भवनों में बिजली फिटिंग करने वाली एक फर्म के ठेकेदार से 65 हजार रुपए रिश्वत लेते विभाग के कार्यवाहक अधिशासी अभियंता प्रेम प्रकाश महावर को टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इसके साथ दो अन्य ठेकेदार भी साजिश के आरोप में धरे गए, जो बिचौलिए की भूमिका में थे। प्रकरण में कार्रवाई ब्यूरो के डीजी एसीबी के डीजी आलोक त्रिपाठी और एडीजी दिनेश एम एन के निर्देशन में दोपहर में हुई। इस संबंध में परिवादी ने सीधे जयपुर मुख्यालय में ही शिकायत की थी। इसमें बताया कि वह सरकारी भवनों के निर्माण के दौरान बिजली वायरिंग और फिटिंग के ठेके लेता है। बांसवाड़ा में उसके विभिन्न कार्यों का भुगतान पार्ट पेमेंट में चल रहा था। इनमें से 13 लाख रुपए का भुगतान बचा था। टीडीएस काटकर भी 12 लाख 8 हजार रुपए का भुगतान शेष था। इस बीच, विभाग में अधिशासी अभियंता स्तर से साढ़े चार-पांच फीसदी कमीशन की रवायत के चलते शेष भुगतान स्वीकृति से पहले उक्त राशि के रूप में रिश्वत मांगी गई। इसका हिसाब पिछले दिनों 1 लाख 5 हजार रुपए बताने पर 40 हजार रुपए दे दिए गए, लेकिन शेष राशि के बगैर भुगतान अटकाया हुआ है। इस पर ब्यूरो ने सत्यापन करवाया तो 65 हजार रुपए रिश्वत राशि की मांग का सत्यापन हो गया।
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दोपहर में पहुंची टीम
बुधवार को जयपुर देहात की टीम सीआई नीरज भारद्वाज के नेतृत्व में अचानक बांसवाड़ा पहुंची। इस बीच, सुनियोजित तरीके से फरियादी को रिश्वत राशि देकर दोपहर में डायलाब रोड स्थित विभागीय कार्यालय भेजा गया, वहीं ब्यूरो टीम दफ्तर में ही बिखर कर डटी। जैसे ही फरियादी ने पहली मंजिल पर दो बिचौलियों के साथ आरोपी अधिशासी अभियंता महावर को रिश्वत राशि 65 हजार रुपए दी, संकेत पर ब्यूरो दल ने पहुंचकर तीनों को को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद प्रकरण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ शुरू की। गौरतलब है कि महावर जिला मुख्यालय पर सहायक अभियंता हैं, लेकिन अधिशासी अभियंता का पद रिक्त होने से उन्हें अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी हुई है।
सहयोगी आरोपी भी हैं ठेकेदार
मामले में महावर के साथ पकड़े गए दोनों बिचौलिए चित्तौडगढ़़ के गांधीनगर निवासी शैलेंद्र शर्मा पुत्र प्रेमबाबू शर्मा और पंकज गौड़ पुत्र दुर्गाप्रसाद गौड़ हैं। दोनों ही ठेकेदार हैं और विभागीय अधिकारियों से अच्छे संपर्कों के चलते अपने साथ दूसरों के ठेकों में भी दलाली का काम कर अपना लाभ लेते रहे हैं।
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