बुधवार को जयपुर देहात की टीम सीआई नीरज भारद्वाज के नेतृत्व में अचानक बांसवाड़ा पहुंची। इस बीच, सुनियोजित तरीके से फरियादी को रिश्वत राशि देकर दोपहर में डायलाब रोड स्थित विभागीय कार्यालय भेजा गया, वहीं ब्यूरो टीम दफ्तर में ही बिखर कर डटी। जैसे ही फरियादी ने पहली मंजिल पर दो बिचौलियों के साथ आरोपी अधिशासी अभियंता महावर को रिश्वत राशि 65 हजार रुपए दी, संकेत पर ब्यूरो दल ने पहुंचकर तीनों को को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद प्रकरण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ शुरू की। गौरतलब है कि महावर जिला मुख्यालय पर सहायक अभियंता हैं, लेकिन अधिशासी अभियंता का पद रिक्त होने से उन्हें अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी हुई है।
मामले में महावर के साथ पकड़े गए दोनों बिचौलिए चित्तौडगढ़़ के गांधीनगर निवासी शैलेंद्र शर्मा पुत्र प्रेमबाबू शर्मा और पंकज गौड़ पुत्र दुर्गाप्रसाद गौड़ हैं। दोनों ही ठेकेदार हैं और विभागीय अधिकारियों से अच्छे संपर्कों के चलते अपने साथ दूसरों के ठेकों में भी दलाली का काम कर अपना लाभ लेते रहे हैं।