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राजस्थान: बरसात में दमक उठा भुवादरा पिकनिक स्पॉट, जोखिम के बीच झरनों में नहाने पहुंच रहे सैकड़ों सैलानी

ग्राम पंचायत टांडी नानी में कुदरती सौंदर्य से लबरेज भुवादरा इन दिनों बरसात में दमक उठा है। पंचाल गांव के निकट यह पर्यटन केन्द्र गर्मी से राहत पाने आ रहे सैकड़ों पर्यटकों की पहली पसंद बन गया है।

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bhudawara banswara

Photo- Patrika

बांसवाड़ा/आनंदपुरी। ग्राम पंचायत टांडी नानी में कुदरती सौंदर्य से लबरेज भुवादरा इन दिनों बरसात में दमक उठा है। पंचाल गांव के निकट यह पर्यटन केन्द्र गर्मी से राहत पाने आ रहे सैकड़ों पर्यटकों की पहली पसंद बन गया है। झरनों और ठंडे पानी के बहाव में नहाने का आनंद लेने लोग दूर-दराज़ से लोग अपने परिवारों सहित पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां सुरक्षात्मक उपायों की अनदेखी हो रही है। ऐसे में कोई हादसा हो जाए तो हैरत न हो।

सीढ़ियों के जरिए पहले छोटे झरनों तक पहुंचा जाता था, लेकिन अब कुछ दूरी पर बनाए गए एनीकट के कारण नदी गहरी हो गई है। पर्यटक अब झरनों की बजाय एनीकट के नीचे बहते पानी और फिसलन भरे पत्थरों के बीच मस्ती कर रहे हैं, लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए करीब 200 फीट नीचे फिसलन भरे पथरीले रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। इससे हादसों का खतरा बढ़ गया है। इधर, स्थानीय दुकानदारों के लिए यह भीड़ रोजगार का साधन बन चुकी है। दिनभर में बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से दुकानों पर अच्छी आमदनी हो रही है।

सुरक्षा और सुविधाएं नदारद, लेकिन वसूली जारी

भुवादरा पर पर्यटकों के लिए न तो कोई सुरक्षा इंतजाम हैं और न ही प्राथमिक उपचार या गाइड की व्यवस्था। यहां पार्किंग के नाम से प्रवेश शुल्क वसूला जा रहा है। कुछ लोगों ने बांस का बेरिकेड लगाकर चारपहिया वाहनों से 20 और दोपहिया वाहनों से 10 रुपए का पार्किंग शुल्क वसूलना शुुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह शुल्क भुवादरा महादेव मंदिर निर्माण के नाम पर लिया जा रहा है।

साफ पानी, सुरक्षा की मांग

स्थानीय लोगों और पर्यटकों की मांग है कि प्रशासन इस स्थल पर स्थाई सुरक्षा व्यवस्था, स्वच्छता, ठंडे पानी की सुविधा और सुचारु मार्ग की व्यवस्था करे, ताकि भुवादरा पर्यटन स्थल के रूप में सुरक्षित और व्यवस्थित बन सके।

49.98 लाख का विकास कार्य अब शोपीस

पर्यटन स्थल के विकास के लिए 49.98 लाख रुपए की लागत से फव्वारे, गार्डन, व्यू प्वाइंट और नदी तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनाई गई थीं, लेकिन देखरेख के अभाव में ये सब अब शोपीस बन चुके हैं। गार्डन में गंदगी के ढेर लगे हैं, फव्वारे बंद हैं और प्याऊ से गर्म पानी निकल रहा है। ऐसे में गर्मी से बेहाल पर्यटकों को पीने के लिए ठंडा पानी खरीदना पड़ता है।


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