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विवाह के फोटो और जेवरों के बिल पेश: विवाह के फोटो और जेवरों के बिल पेश कर त्रिवेदी ने कोर्ट को बताया कि गत 24 मार्च को कोतवाली और एसपी कार्यालय को लिखित शिकायतें की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके चलते कोर्ट आना पड़ा। परिवादी ने बताया कि हाल ही में पता चला कि आरोपी जिले में ऐसी और भी वारदातें कर लोगों से रुपए व जेवर हड़प चुके हैं। मामले को कोर्ट ने संज्ञेय प्रवृति का होने से पुलिस को केस दर्ज कर अनुसंधान के बाद नतीजा पेश करने का आदेश दिया। इस पर पांचों आरोपियों को नामजद कर तहकीकात एएसआई विवेकभानसिंह को सौंपी गई है।
यह बताई आपबीती: त्रिवेदी ने रिपोर्ट में बताया कि विवाह योग्य युवती के लिए बंधन मैरिज ब्यूरो से संपर्क पर सीमा ने उज्जैन बुलाया। 23 अप्रैल,2022 को गया, तो ब्यूरो की रजिस्ट्रेशन फीस 16 हजार रुपए बताई गई। यह जमा कराने पर सीमा और उसके पति कुशलेश ने 11 नवंबर, 2022 को रेणुका से मिलवाया। साथ मिले इंदु और नीलेश को रेणुका की माता और भाई बताने पर पूछा तो ब्यूरो संचालकों ने जानकारी दी कि पिता के दूसरी औरत रखने से संबंध और व्यवहार टूटा हुआ है। फिर ब्यूरो ले जाकर शादी तय कराने के लिए सीमा और कुशलेश ने तीन लाख की मांग की।
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बातचीत पर थोड़ी कमी कर 2.15 लाख रुपए में 15 दिसंबर, 2022 को शादी करवाना तय हुआ। उक्त तिथि से एक दिन पहले 50 हजार रुपए और शादी के दिन कुशलेश के मोबाइल नंबर पर 48 हजार रुपए ऑनलाईन गुगल-पे करते हुए एक लाख ग्यारह हजार रुपए नकद दिए, तो पूरी राशि मिलने पर शादी करवाई गई।
चंद दिनों में बदले सुर: विवाह के बाद कुछ दिन बाद रेणुका ने अपने पिता से बात कराने को कहा, तो परिवादी सकते में आ गया। पहले की बातें याद कराने पर वह झगडऩे लगी। फिर इंदु का कॉल आया। उसने पति बीमार और मुम्बई में भर्ती बताए और रेणुका को रतलाम लाने को कहा। भरोसा कर लेे गया, तो उसे साथ आने से मना कर केवल रेणुका को ले गए। तब बांसवाड़ा लौटने के कुछ दिन बाद फोन किया, तो बताया गया कि पिता की मृत्यु हो गई। कार्यक्रम मुंबई में ही है। उसने आने की इच्छा जताई, तो आरोपियों ने पता नहीं दिया और इसकी जरूरत से ही इनकार कर दिया। 20 दिन बाद रेणुका को भेजने की फिर बात की, तो वह शुभम राठौड़ नाम के युवक के साथ लौटी। फिर 15 दिन बाद ही शोक भंग कराने बुलाया। वह खुद रेणुका को ले गया, तो कार्यक्रम निबटाकर छोडऩे की बात कहकर उसे चलता कर दिया गया। इसके बाद रेणुका की वापसी नहीं होने पर फोन किए तो लगातार टाला गया। परेशान होकर उसने मैरिज ब्यूरो से संपर्क किया, तो संचालकों ने आगे से फोन करने पर केस करने की धमकी दी और रेणुका को भेजने से ही इनकार कर दिया। दोबारा संपर्क पर आरोपियों ने पुलिस में अपनी पहुंच बताते हुए रेणुका की मिलने की कोशिश पर जेल भेजने की धमकी दी। इससे साजिश के तहत धोखाधड़ी का आभास हुआ।