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बांसवाड़ा : दशामाता की शोभायात्रा में बही श्रद्धा की बयार, जयकारों संग प्रतिमाएं विसर्जित

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बांसवाड़ा : दशामाता की शोभायात्रा में बही श्रद्धा की बयार, जयकारों संग प्रतिमाएं विसर्जित

बांसवाड़ा. परतापुर. बोरी गांव में व्रतधारी जोगी (रावल) समाज की महिलाओं ने 11 दशामाता की प्रतिमाओं का विसर्जन किया। हरि डूंगरी से गाजे बाजे के साथ मंगल गीत गाते हुए शोभायात्रा निकाली। जो इंदिरा चौक, जैन मंदिर, नई आबादी होते हुए परसोलिया सर्वेश्वर मंदिर के निकट नदी के तट पर पहुंची। जहां विविध मंत्रोच्चार के साथ प्रतिमाएं विसर्जित कि गई। यहां दर्शनार्थियों का ताता लगा रहा। खटवाड़ा गांव में भी प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। चौपासाग सरपंच हरिलाल कमवाना के सानिध्य में मुख्य मार्गों से शोभायात्रा निकाली गई। खेड़ा तालाब पर सामूहिक आरती के बाद प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इस दौरान रूपलाल, थावरा भाई, कमलसिंह, लालजी, देवा आदि मौजूद थे।

खोडऩ. बरोडिया में दशा माता के पांचवें धाम स्थित मन्दिर में पूजा अर्चना के बाद दशा माता का जुलूस निकाल प्रतिमा का विसर्जन किया गया। मन्दिर कमेटी के अध्यक्ष नारायण पंचोली ने बताया कि जुलूस में श्रद्धालु उमड़ पड़े। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। बेन शारदा देवी, सेवक गौतम भाई ने पूजा कर सुख शान्ति की मंगलकामना की। इस अवसर पर कमलनाथ रावल, मयूर रावल, मनोहर पंचाल, नाथू बामनिया, खला चरपोटा आदि उपस्थित थे। छोटा. डूंगरा छोटा में गाजेबाजे के साथ शोभायात्रा निकली। प्रतिमा की दस दिन तक पूजा अर्जना के साथ गरबा नृत्य किया। दशा माता की प्रतिमा की शोभायात्रा रूपजीखूेटा से गाजे बाजे के साथ विभिन्न गांवों का भ्रमण करती हुई बैथाम सागर तालाब पर पहुंची। वहां पूजा और आरती के बाद प्रतिमा का विसर्जन हुआ। इसक बाद भण्डारा आयोजित किया गया।

तलवाड़ा. कूपड़ा में दशामाता की प्रतिमा की शोभायात्रा निकाली गई। यादव मोहल्ले से शुरू हुई शोभायात्रा में श्रद्धालुओं ने जमकर गरबा नृत्य किया। रंग-बिरंगी परिधानों में सजी धजी महिलाएं सिर पर कलश व श्रीफल धारण जयकारे लगाते चल रही थी। आधे किलोमीटर लंबी शोभायात्रा कूपड़ा तालाब पहुंची। जहां प्रतिमा का विसर्जन किया गया। सामागढ़ा से भी शोभायात्रा डीजे की धुन पर निकाली गई। शोभयात्रा पातेला तालाब पहुंची। महाआरती के बाद प्रतिमाओं का विर्सजन किया गया। दानपुर. दशामाता चौक व रामदेवबाबा मंदिर परिसर से दस दिनों से व्रत रख रही महिलाएं अपने सिर पर दशामाता की मूर्तियों को रख झांकी निकली। श्रद्धालु लोक गीत गाते हुए उत्साह के साथ ककई डूंगरी स्थित जलाशय पर पहुंचे और प्रतिमाओं का विसर्जन किया।

दशामाता को धराया छप्पन भोग
बड़ोदिया. कस्बे में पाठक, बुनकर व आदिवासी सहित विभिन्न समाज के लोगों ने दशामाता की मूर्तियों की शोभायात्रा निकाली। साथ ही दशामाता को छप्पन भोग धराया गया। महिलाओं ने दस दिनों तक दशामाता की आराधना कर सुख एवं समृद्धि की मंगल कामना की। कस्बे में बुनकर समाज ने दशामाता की मूर्तियों का गाजे बाजे के साथ जुलूस निकाला। पाठक मोहल्ले में श्रद्धालुओं ने भजन कीर्तन किए। कार्यक्रम में जमनालाल पाठक, विनोद पाठक, महालक्ष्मी एवं कोकिला ने शानदार भजन प्रस्तुत किए। इसके अतिरिक्त इटाउवा, करजी, चौखला, सुरवानियॉ, सालिया, पीपलोद एवं पाडीकला में भी अन्तिम दिन दशामाता की मूर्तियों का विशेष शृंगार कर एवं आकर्षक झांकिया बनाकर भजनों के साथ विसर्जन किया।

डीजे की धुन पर थिरके
सज्जनगढ़. क्षेत्र में मंगलवार को दशामाता व्रत समापन पर श्रद्धा की बयार बही। हर कोई दशामाता की भक्ति में सराबोर नजर आया। क्षेत्र से दशामाता की करीब 300 से अधिक प्रतिमाओं को विसर्जित किया गया तो शोभायात्रा को देखने श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। इससे पहले सज्जनगढ़ कस्बे में डीजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। इस बीच डीजे की घुन पर श्रद्धालु नाचते तथा हाथों से अबीर-गुलाल उड़ाते चले। शोभायात्रा को देखने के लिए कस्बे में भीड़ उमड़ आई। बिजलपुर टाण्डा, मगला टाण्डा, रतना, जालीमपुरा, डूंगरा सहित कई गांवों से ऊंट गाडी में दशामाता की झांकी सजा निकाली गई शोभायात्रा ताम्बेसरा होते हुए मंगलेश्वर हीरन नदी पर पहुंची। जहां प्रतिमाओं का विर्सजन किया गया। साथ ही प्रसादी का वितरण किया गया। अरथूना. अरथूना में मंगलवार को गमेला तालाब में दशा माता की प्रतिमाएं विसर्जित की गई। श्रृद्धालु ढोल-नगाड़ों की धुन के साथ गमेला तालाब पहुंचे और प्रतिमाओं का विसर्जन किया। कुशलकोट, मोटी बस्सी, भानों का पारड़ा, आंजना गावों केमें भी नदी-तालाबों में प्रतिमाएं विसर्जित की गई।