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‘भटके युवाओं को रोको नहीं तो आपकी मौत के बाद अंतिम संस्कार भी नहीं होगा’

सागवाड़िया गांव के कुड़ी मोहल्ले स्थित कल्लाजी एवं पितृ देव मंदिर परिसर में धर्मसभा हुई। यहां पहुंचे साधु-संतों ने सत्संग के माध्यम से समाज को धार्मिक आस्था, सत्कर्मों और नशामुक्त जीवन का संदेश दिया।

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फोटो पत्रिका

बांसवाड़ा। सागवाड़िया गांव के कुड़ी मोहल्ले स्थित कल्लाजी एवं पितृ देव मंदिर परिसर में धर्मसभा हुई। यहां पहुंचे साधु-संतों ने सत्संग के माध्यम से समाज को धार्मिक आस्था, सत्कर्मों और नशामुक्त जीवन का संदेश दिया। इस दौरान पूर्व राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने समाज के युवाओं को सही दिशा में लाने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के युवा गलत रास्ते पर भटक रहे हैं और हिंदू धर्म से विमुख होकर अन्य धर्मों की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिससे समाज की एकता और संस्कृति पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। रावत ने कहा कि हमारे पूर्वज पीढ़ी दर पीढ़ी देवी-देवताओं की पूजा करते आए हैं, लेकिन आज कुछ युवा धर्मांतरण की ओर बढ़ रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक ही परिवार के सदस्य अलग-अलग धर्म मानेंगे और मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार तक विवाद का कारण बन सकता है।

ऐसी स्थिति में आपके अंतिम संस्कार के लिए भी कोई तैयार नहीं होगा। उन्होंने झारखंड का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां धर्मांतरण और बाहरी समाज में शादियों के कारण आदिवासी समाज की स्थिति चिंताजनक हो गई है।

उन्होंने चेतावनी दी कि राजस्थान में भी यदि समय रहते समाज ने एकजुट होकर इसका प्रतिरोध नहीं किया तो हालात बिगड़ सकते हैं। रावत ने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि वे युवाओं को संस्कारों और धार्मिक परंपराओं की ओर प्रेरित करें, धर्मांतरण के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों और नशा जैसी बुराइयों से दूर रहें।