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बांसवाड़ा

अंधविश्वास : भर्ती मरीजों की चिंता नहीं, ढोल बजाते हुए पहुंचे ‘मृतात्मा’ को लेने

महात्मा गांधी चिकित्सालय में रविवार को अजीबो-गरीब वाक्या देखने को मिला। यहां अंधविश्वास की फेर में बड़ी संख्या में ग्रामीण मृतात्मा लेने चिकित्सालय पहुंचे।

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बांसवाड़ा। महात्मा गांधी चिकित्सालय में रविवार को अजीबो-गरीब वाक्या देखने को मिला। यहां अंधविश्वास की फेर में बड़ी संख्या में ग्रामीण मृतात्मा लेने चिकित्सालय पहुंचे। दोपहर तकरीबन दो बजे छापरिया गांव के कई लोग ढोल बजाते हुए परिसर में दाखिल हुए। इस दौरान न तो उन्हें न तो किसी ने रोका और न ही टोका। वे सभी सीधा ट्रॉमा वार्ड में दाखिल हुए। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग कर्मी ने उन्हें रोकने का प्रयास किया पर ग्रामीणों ने उनकी एक न सुनी। तकरीबन आधे घंटे तक पलंग पर पूजन करते रहे। इस मौके पर मृतात्मा लेने पहुंचे और मृतक के परिजनों ने पलंग पर भर्ती मरीज को बेड से उतार कर पूजन किया। इस मौके मृतात्मा लेने आए ग्रामीणों ने बताया कि एक माह पूर्व गांव के युवक की 29 सितंबर को ट्रॉमा वार्ड में मौत हो गई थी। इसलिए वे यहां पहुंचे।
मान्यता : सुख समृद्धि की आस में आते हैं
मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि मृतक की अचानक मौत से मृतात्मा को शांति नहीं मिलती। परिजन को भी सुख शांति नहीं मिलती। माना जाता है कि इस पूजन के बाद परिवार में सुख समृद्धि आती है।

इसलिए पहुंचते हैं अस्पताल

ग्रामीणों ने बताया कि वे सभी मानते हैं कि जिस स्थान पर परिवार के सदस्य की मौत होती है। उस स्थान के आसपास ही मृतात्मा रहती है। इस कारण उस अस्पताल पहुंच पूजा की है। यदि मौत अन्यत्र कहीं होती तो वहां जाकर पूजन करते।
भोपे बताते हैं समस्या के बारे में
ग्रामीण बताते हैं कि यदि परिवार में किसी सदस्य की मौत के बाद कुछ समस्या होती है और बार बार होती है तो सामान्यत: लोग भोपों से संपर्क करते हैं। वे भोपे ही मृतात्मा लेने के बारे में कहते हैं। चूंकि परिवार के सदस्य भोपों पर विश्वास करते हैं इसलिए वे मृतात्मा लेने पहुंचते हैं।

ढोल ढमाकों की है मनाई
अस्पताल परिसर में ढोल ढमाकों की मनाई है। लेकिन ग्रामीणों को मान्यता को ठेस न पहुंचे इसलिए सिर्फ दो लोगों को वार्ड में जाने देते हैं। लेकिन भर्ती मरीजों को दिक्कत न हो। इस बात का पूरा ख्याल रखा जाता है।
– डॉ खुशपाल सिंह राठौड़, पीएमओ, एमजी अस्पताल

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