
बाराबंकी में आमों की एक से एक वैराइटी, ये किस्म सबसे ज्यादा स्वादिष्ट, थाइलैंड की प्रजाति भी हुई तैयार
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
बाराबंकी. वैसे तो मलिहाबाद का आम सबसे मशहूर है, लेकिन अगर आमों की वैराइटी का असल लुत्फ उठाना है तो आपको बाराबंकी (Mangoes in Barabanki) आना होगा। यहां डाल की दशहरी और पाल का चौसा हरदिल अजीज है। बाराबंकी में गौरजीत, बांबेग्रीन, दशहरी, लंगड़ा, चौसा और लखनऊ सफेदा, सुरखा, हुस्नहारा, कपूरी, गुलाब खास, आम्रपाली, याकूती जैसी कई और भी प्रजातियां उगाई जाती हैं। वही बाराबंकी में आम कारोबारियों ने थाइलैंड की कुछ वैराइटी को भी तैयार किया है। उसकी बाग भी लगाई गई है। जिनमें इस साल फल भी आए हैं। यानी बाराबंकी में थाइलैंड की प्रजाति के आम का भी आप लुत्फ उठा सकते हैं।
बाराबंकी की दशहरी के दूर-दूर तक चर्चे
बाराबंकी का दशहरी आम बहुत ही स्वादिष्ट होता है। खास बात यह है कि यहां पैदा होने वाला दशहरी आम ज्यादा टिकाऊ होता है, इसलिए व्यापारी यहां के आम को ज्यादा तरजीह देते हैं। वहीं बनारसी लंगड़ा आम बाराबंकी में जब से पैदा होना शुरू हुआ तो यह प्रजाति बाकी आमों से अव्वल हो गई। यह आम भी जून और जुलाई में डाल से गिरने लगता है। बाराबंकी में गुलाब खास, सुरखा आम चूसने का अलग ही जायका है। जिले में इस बार आम की अच्छी पैदावार हुई है। आम का उत्पादन तकरीबन डेढ़ लाख मीट्रिक टन हुआ है। जिले से ही गोंडा, बहराइच, फैजाबाद, गोरखपुर जैसे मंडियों में आम बेचा जाता है।
आम की एक से एक प्रजातियां
बाराबंकी जिले की अगर बात करें तो यहां लगभग साढ़े 16 हजार हेक्टेअर एरिया में आम की खेती होती है। यहां जुलाई तक आम रहता है। यहां आम की किस्मों में दशहरी, लंगड़ा, चौसा, फजली, बंबई ग्रीन, बंबई, अलफांजो, बैंगन पल्ली, हिम सागर, केशर, किशन भोग, मलगोवा, नीलम, सुर्वन रेखा, वनराज, जरदालू हैं। नई किस्मों में मल्लिका, आम्रपाली, रत्ना, अर्का अरुण, अर्मा पुनीत, अर्का अनमोल तथा दशहरी की 51 प्रमुख प्रजातियां हैं। जिले में गौरजीत, बांबेग्रीन, दशहरी, लंगड़ा, चौसा और लखनऊ सफेदा, सुरखा, हुस्नहारा, कपूरी, गुलाब खास, आम्रपाली, याकूती जैसी कई और भी प्रजातियां उगाई जाती हैं।
थाइलैंड प्रजाति का आम बाराबंकी में
बाराबंकी में आम का कारोबार करने वाले मोहम्मद आलम शाह ने बताया कि बाराबंकी में आमों की किस्में ज्यादा हैं। हम लोग मलिहाबाद के आमों को भी टक्कर दे रहे हैं। अगर असली आम देखना हो तो वो बाराबंकी में ही मिलेगा। आम की जो वैराइटी यहां मिलेंगी वो कहीं और नहीं मिलेंगी। उन्होंने बताया कि हम लोगों थाइलैंड की कुछ वैराइटी के आप के पेड़ भी तैयार किये और उसकी भी बाग लगाई है। हालांकि मोहम्मद आलम का कहना है कि कोरोना की वजह से आम के कारोबार में पिछले साल की तरह इस बार भी बहुत फर्क पड़ा है। कोरोना की वजह से हम लोग आम को बाहर नहीं भेज पा रहे हैं। जिसके चलते दाम सही नहीं मिल रहे हैं।
Published on:
23 Jun 2021 04:04 pm
बड़ी खबरें
View Allबाराबंकी
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
