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दो साल से लापता है सर्वे कम्पनी

व्यवसायिक व आवासीय प्रतिष्ठानों का सर्वे करने वाली अनुबंधित कंपनी के प्रतिनिधि दो साल से गायब हैं। उन्होंने जो सर्वे किया है, वह भी सही नहीं है। इससे नगर परिषद को नगरीय विकास कर वसूलने में दिक्कतें

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baran

nagar parisad

नगरीय विकास कर का मामला
नगर परिषद के अधिकारियों ने भी नहीं ली सुध
बारां. स्मार्ट राज प्रोजेक्ट के तहत नगर परिषद क्षेत्र के व्यवसायिक व आवासीय प्रतिष्ठानों का सर्वे करने वाली अनुबंधित कंपनी के प्रतिनिधि दो साल से गायब हैं। उन्होंने जो सर्वे किया है, वह भी सही नहीं है। इससे नगर परिषद को नगरीय विकास कर वसूलने में दिक्कतें आ रही हैं।
हालात यह है कि परिषद के अधिकारियों व कर्मचारियों को यह तक नहीं पता है कि कितने व्यवसायिक व कितने निजी प्रतिष्ठान हैं। ऐसे में परिषद के कर्मचारियों को ही नए सिरे से भवनों का मापतौल करना होगा। यहां हद तो यह है कि बीते दो साल से नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारी इस मामले से अनजान रहे, उन्होंने सर्वे कम्पनी के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है।
नगरीय विकास कर वसूलने को लेकर राज्य सरकार ने प्रदेश भर में सर्वे शुरू कराया था। जिले में उक्त सर्वे दिल्ली की फोर्थ डाइमेन्शन सोल्यूशन लिमिटेड कम्पनी को सौंपा था। कंपनी के प्रतिनिधियों को घर-घर जाकर व्यावसायिक व निजी प्रतिष्ठानों का नापकर निर्धारित फोरमेट में भरना था। साथ ही भवन के साथ मालिक की फोटो भी लगानी थी। प्रत्येक घर में व्यक्तिगत शौचालय का पता करना था। कंपनी के प्रतिनिधियों ने सर्वे शुरू कर दिया।
स्वयं फीता उठाकर नापते
नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि गत वर्ष बैंकों व पेट्रोल पम्पों को नोटिस दिए। नगर परिषद के कर्मचारियों ने टीम बनाकर कुछ आवासीय व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को नापा। इस तरह से 112 प्रतिष्ठानों से 50 लाख रुपए वसूल किए गए। इस वर्ष सभी गत वर्ष वाले प्रतिष्ठानों को नोटिस दिया गया।
& कंपनी बीच में सर्वे छोडक़र भागी है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पुन: सर्वे कराकर नगरीय विकास कर की वसूृली की जाएगी।
मनोज कुमार मीणा, आयुक्त, नगर परिषद, बारां
तब शुरू किया था सर्वे
कंपनी के प्रतिनिधियों ने जुलाई 2016 तक शहर मात्र 3 हजार प्रतिष्ठानों का सर्वे किया, लेकिन वह सर्वे भी कंपनी के प्रतिनिधियों ने सही नहीं किया। ज्यादातर कच्ची बस्तियों में मकानों का सर्वे किया, जो नगरीय विकास कर के दायरे में आते ही नहीं है। इसको लेकर तत्कालीन जेईएन ने 11 जुलाई 2016 को कंपनी के प्रतिनिधियों को नोटिस भी दिया। इसको लेकर कंपनी के प्रतिनिधियों ने पुन: सर्वे करने आश्वासन भी दिया था लेकिन तब से लेकर अब तक कंपनी के प्रतिनिधियों का पता नहीं है।
रिपोर्ट - हंसराज शर्मा द्वारा
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