
gourav path
बारां. सरकार की प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ग्रामीण गौरव पथ योजना बीते साढ़े तीन साल में सभी पंचायत मुख्यालयों तक नहीं पहुंच पाई। वर्ष २०१४ के अंतिम महीने से स्वीकृति का सिलसिला शुरू होने के बाद से अब तक जिले की २२१ ग्राम पंचायत मुख्यालयों में से १५९ (तीन मिसिंग लिंक सहित) मुख्यालयों पर ही गौरव पथ बने हैं। शेष में गौरव पथ का इंतजार है। डेढ़ दर्जन पंचायतों में अभी काम चल रहे हैं जबकि चुनावी साल के अंतिम महीनों में अब ३३ गौरव पथ और बनने हैं, इनकी मंजूरी के बाद टैंडर प्रक्रिया चल रही है। ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर गौरव पथ बनने से डगर आसान हुई है, लेकिन कई जगह साइडें नहीं बनने से परेशानी भी बनी हुई है।
तीन के बाद अब चौथा चरण
२०१४ के अंतिम माह में ग्रामीण गौरव पथ का पहला चरण शुरू हुआ था। पहले चरण में ५० पंचायतों में गौरव पथ की मंजूरी हुई। इसके बाद दूसरे चरण में फिर ५० व तीसरे चरण में ७५ और पंचायतों में गौरव पथ मंजूर हुए। उक्त कुल १७५ में से अब तक १५६ गौरव पथ बने हैं, जबकि १९ में काम चल रहे हैं। गौरव पथ के स्थान पर तीन पंचायतों में मिसिंग लिंक अलग से बने हैं। इस तरह अब तक १५९ गौरव पथ बने हैं। अब चौथे चरण में ३३ और पंचायतों में गौरव पथ मंजूर हुए हैं वहीं इसके साथ तीन जगह और मिसिंग लिंक की मंजूरी हुई है।
कुछ जगह यूं दिक्कत
जिन पंचायतों में गौरव पथ निर्माण नहीं हो पाए, वहां मिसिंग लिंक मंजूर किए गए लेकिन शाहाबाद डिवीजन की चार पंचायतों में मिसिंग लिंक भी नहीं बन पाए। यहां गौरव पथ बनाने में दिक्कत आई तो मिसिंग लिंक का विकल्प ढूंढा गया लेकिन चिन्हित स्थल पर निर्माण में राशि ज्यादा खर्च होने से यहां भी बात नहीं बनी।
मिली राहत, लेकिन साथ में परेशानी
कई पंचायतों में गौरव पथ बने। प्रत्येक के लिए ६० लाख की राशि मंजूर हुई। गौरव पथ का निर्माण ३.७५ मीटर चौड़ाई व एक किमी. लम्बाई में किए जाने का प्रावधान है। अधिकांश जगह ऐसे ही व्यवस्था रही, इसके बावजूद कई पंचायतों में सीसी सड़क निर्माण के बाद साइडें नहीं बन पाई। इससे आवागमन में परेशानी के साथ दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है।
Published on:
07 Aug 2018 06:10 pm
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