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अवैध कटाई, प्लास्टिक पर्यावरण के दुश्मन, प्रकृति को नुकसान पहुंचाने से बिगड़ा संतुलन

पर्यावरण संरक्षण को लेकर संवदेनहीनता बरतने से जीव जगत को काफी नुकसान हो रहा है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, प्रदूषण, प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग और दूषित जल स्रोत हमारी धरती के लिए खतरा बन चुके हैं।

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बारां

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Mukesh Gaur

Apr 22, 2025

पर्यावरण संरक्षण को लेकर संवदेनहीनता बरतने से जीव जगत को काफी नुकसान हो रहा है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, प्रदूषण, प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग और दूषित जल स्रोत हमारी धरती के लिए खतरा बन चुके हैं।

पर्यावरण संरक्षण को लेकर संवदेनहीनता बरतने से जीव जगत को काफी नुकसान हो रहा है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, प्रदूषण, प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग और दूषित जल स्रोत हमारी धरती के लिए खतरा बन चुके हैं।

विश्व पृथ्वी दिवस आज : लेना होगा स्वच्छ और हरित बनाने का संकल्प

world earth day today : बारां. जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के लिए सरकार के स्तर पर तो काफी प्रयास किए जा रहे है, लेकिन आमजन को भी इसके संरक्षण के प्रति जागरूक रहना होगा। पर्यावरण संरक्षण को लेकर संवदेनहीनता बरतने से जीव जगत को काफी नुकसान हो रहा है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, प्रदूषण, प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग और दूषित जल स्रोत हमारी धरती के लिए खतरा बन चुके हैं। इससे पृथ्वी का संतुलन भी बिगड़ रहा है। जिले में वनों को काटकर वनभूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है। नदियों का सीना चीरकर अवैध रूप से बजरी और पत्थर का खनन किया जा रहा है। घाटियों में खुदाई कर आवास बनाए जा रहे हैं। वन, वन्यजीव, नदी, तालाब और कुए, बावड़ी आदि जल स्रोत्र को दूषित किया जा रहा है। अब समय आ गया है कि आप ओर हम आज विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर पृथ्वी को हरित एवं स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प लें।

जागरूकता के साथ सख्ती की जरूरत

वर्तमान में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए कई तरह के कानून बने हुए हैं। ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक सामग्री और पॉलीथिन के उपयोग को प्रतिबंधित किया हुआ है। नदी, तालाब और कुए, बावडिय़ों आदि जलस्रोत्रों में कचरा व गंदगी डालने वालों पर भी कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन निकायों की और से अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। जलस्रोत्रो को दूषित करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्ती बरतनी होगी। ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक और पॉलीथिन केरी बैग का उपयोग रोकने के लिए भी नियमित रूप से कार्रवाई करनी होगी। इसके लिए सरकारी तंत्र के अलावा लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।

बदलना होगा व्यवहार

पर्यावरण को सुरक्षित रखने ओर पृथ्वी को हरा-भरा रखने के लिए समाज के प्रबुद्धजनों ओर पर्यावरण प्रेमियों को आगे आना होगा। आमजन को पृथ्वी को प्राकृतिक तौर पर सुरक्षित रखने के लिए व्यवहार में बदलाव लाना होगा। प्रदूषण और वनों की कटाई रोकने के लिए जिम्मेदार नागरिक बनना होगा। पर्यावरण और पृथ्वी की परवाह नहीं की जाती है तो आने वाली पीढिय़ों को विरासत में बंजर धरती ही मिलेगी।

पौधे लगाएं, रखें स्वच्छ

पृथ्वी को संरक्षित करने के लिए अधिकाधिक पौधे लगाकर उनके संरक्षण की जिम्मेदारी लेनी होगी। सफाई रखने, प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करने, पानी और बिजली की बचत करने तथा पॉलीथिन की जगह पर्यावरण अनुकूल बैग्स का उपयोग करने की आदत बनानी होगी। वैसे यह तो लोग जानते है कि पृथ्वी हमारा घर है। पृथ्वी हमें जीने के लिए हवा, पानी, भोजन, वनस्पति देती है। हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए। लेकिन जीवनशैली और लालसा के कारण इसकी अनदेखी की जा रही है। इससे पृथ्वी का संतुलन बिगड़ता जा रहा है।

फैक्ट फाइल

बारां जिले में 2.15 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में हैं वन

यह उदयपुर और चित्तौडगढ़़ के बाद सर्वाधिकविभिन्न प्रजाति के पेड़ों सहित करीब 250 से अधिक औषधीय पौधे भी

जिले को मिलने वाली करीब 30 प्रतिशत ऑक्सीजन का स्रोत हैं शाहाबाद के जंगल

सागौन, खेर, तेंदु, पलाश, महुआ, चुरेल, ढाक और साल के पेड़ों की भरमार


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