कस्बाथाना. क्षेत्र में अवैध खनन के चलते सरकारी भूमि खोखली हो रही है। माफिया पत्थर खोद कर ले जा रहे हैं। प्रकृति को हरा.भरा और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सरकार पौधरोपण के अलावा जंगलों की सुरक्षा एवं उनके संरक्षण पर प्रति वर्ष करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है।
कुछ लोग अपने लाभ के खातिर जंगल के अस्तित्व की चिंता न करते हुए अवैध खनन करने पर आमादा है। इस समय शाहाबाद तहसील के कस्बाथाना में वन विभाग के पत्थरों का अवैध कारोबार किया जा रहा है। इस समय कस्बे में प्रतिदिन कई दर्जन ट्रैक्टरों से अवैध पत्थर क्षेत्र से निकल रहे हैं। जानकारी के बाद भी कुछ नहीं हो रहा है। कस्बाथाना क्षेत्र में वन विभाग व चाराहगाह भूमि पर अवैध खनन जोरशोर से चल रहा है।
राजनीतिक संरक्षण के चलते कार्यवाही नहीं
अवैध उत्खनन का कार्य राजनीतिक संरक्षण में बड़े पैमाने पर चल रहा है। इसमे कुछ राजनीतिक दल के नेता भी परोक्ष रूप से शामिल हैं। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कई ऐसे खनन माफिया है। दरअसल कस्बाथाना की राजनीति में खनन माफियाओं ने खनन की गहरी जड़े जमा ली हैं। राजनीतिक दलों के पदा धिकारी कभी आवाज उठने की बात तो दूर रोजगार की दुहाई देकर सभी इसके समर्थन में खड़े रहते हैं।
अवैध खनन नहीं बंद करवा पा रहा प्रशासन
क्षेत्र प्रशासन में अवैध खनन को बंद नहीं करवा पा रहा है। स्थानीय प्रशासन कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति करता है। रोजाना ट्रैक्टर ट्रोली अवैध पत्थरों से भरे हाई-वे व आगर रोड़ पर दौडते नजर आते हैं। फिर भी प्रशासन चैन की नींद सो रहा है। इस मामले में वन विभाग के अ धिकारी खनि विभाग को जिम्मेदार ठहराते हैं तो खनि विभाग के अ धिकारी वन भूमि में अवैध होना बताकर अपना पल्ला झाड़ लेता है।
-समय-समय पर अवैध खनन के खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही की है। शिकायत मिलने पर कार्यवाही करने के निर्देश थाना अधिकारियों को दिए हुए हैं। अगर कस्बाथाना में ऐसा मामला आता है तो कार्रवाई की जाएगी।
– हेमंत कुमार गौतम, पुलिस उपाधीक्षक, शाहाबाद