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दूध में मलाई कम तो कार्रवाई ,दूध व मिड-डे-मील का लेंगे सेंपल

सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील व दूध की गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखा जाएगा, अब दूध व पोषाहार के प्रतिमाह सेंपल लिए जाएंगे।

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भूखे प्यासे थकाया, एक घंटे बाद फीका दूध पिलाया

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दूध में मलाई कम तो कार्रवाई ,दूध व मिड-डे-मील का लेंगे सेंपल
खाद्य सुरक्षा अधिकारी देखेंगे स्कूलों की साफ-सफाई भी
बारां. सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील व दूध की गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखा जाएगा, अब दूध व पोषाहार के प्रतिमाह सेंपल लिए जाएंगे। यदि सेंपल रिपोर्ट या मौके पर गड़बड़ी पाई गई तो संस्था प्रधान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जिले में 1 हजार 310 विद्यालय हैं, जहां पर प्रतिदिन छात्र-छात्राओं को मिड डे मील व दूध का वितरण होता है लेकिन कई बार पोषाहार बनाते समय गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जाता है। रसोई घर के आसपास गंदगी रहती है। पोषाहार सामग्री खुले में रखी होती है, जिससे उसमें धूल चली जाती है। साथ ही सब्जी में नमक या मिर्च ज्यादा या कम रहता है। रोटियां भी सही तरह से पकी नहीं होती है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए पोषाहार व दूध के सेंपल लेने का निर्णय लिया गया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रतिमाह दूध व मिड डे मील का एक-एक सेंपल लेंगे। बाद में सेंपलों को जांच के लिए कोटा स्थित प्रयोगशाला भेजा जाएगा। यदि कोटा में सेंपल फैल हो गया तो संबंधित स्कूल के संस्था प्रधान को नोटिस दिया जाएगा, जिससे वह भविष्य में गुणवत्ता का ख्याल रखे। साथ ही जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को संस्था प्रधान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिखा जाएगा। सेंपल लेने के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी स्कूलों की साफ सफाई भी देखेंगे। मौके पर गंदगी मिलने पर संस्था प्रधान को सुधार करने के लिए कहा जाएगा।
दूध वाले पर भी होगी कार्रवाई
सरकारी स्कूलों को रजिस्टर्ड दूध समितियों से दूध खरीदना होगा। स्कूलों में दूध सप्लाई करने वाली समिति के पास खाद्य सुरक्षा का लाइसेंस होना आवश्यक है। बिना लाइसेंस दूध बेचने पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 58 में दूध विक्रेता के खिलाफ एडीएम कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा, जहां पर अधिकतम 2 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
& प्रतिमाह दूध व मिड डे मील के सेंपल लिए जाएंगे। सेंपलों को जांच के लिए कोटा स्थित प्रयोगशाला भेजा जाएगा। यदि रिपोर्ट में कमी पाई गई तो संबंधित स्कूल के संस्था प्रधान के खिलाफ शिक्षा विभाग के अधिकारियों को लिखा जाएगा।
राजेश रामचंदानी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, बारां


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