नगर परिषद क्षेत्र के 60 वार्डो में नियमित रुप से कचरा संग्रहण नहीं हो पा रहा है। बार बार व्यवस्था बिगडऩे के कारण नगर परिषद ने व्यवस्था को बड़े पैमाने पर संवेदक द्वारा करवाए जाने का निर्णय लिया। इसी के तहत मार्च से पूर्व ही प्रक्रिया शुरु करके प्रपोजल तैयार कर मार्च बाद जयपुर डीएलबी को भिजवा दिए गए हैं। अब नई प्रक्रिया से बड़ी कम्पनी द्वारा घर-घर कचरा संग्रहण कार्य करवाया जाएगा। इसका शुल्क भी वसूला जाएगा।
कई जगह लगाएंगे आरएफआईडी चिप नगर परिषद क्षेत्र के 60 वार्डों से घर घर से कचरा संग्रहण करने के लिए मौजूदा संसाधन ही संवेदक को उलब्ध करवाए जाएंगे। इसके अलावा आवश्यकता पडऩे पर संवेदक अपने स्तर पर संसाधनों का बन्दोबस्त करेगा। इस नई व्यवस्था के तहत टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद संवेदक सर्वे करेगा तथा वार्ड की गलियों सोसायटी एवं अन्य स्थानो पर आरएफआईडी चिप लगाएगा। इसे तय स्थान पर स्थापित कन्ट्रोल रुम पर वॉच किया जा सकेगा। नगर परिषद के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब घर घर कचरा संग्रहण व्यवस्था पर शुल्क वसूला जाएगा। इसके तहत प्रत्येक घर से 50 रुपए प्रतिमाह, प्रत्येक दुकान से 500 रुपए, हॉस्टल से 500 रुपए, होटल से एक हजार रुपए, धर्मशाला से एक हजार रुपए तथा मैरिज गार्डन या अन्य स्पॉट से 5 हजार रुपए प्रति माह शुल्क लिया जाएगा। घर घर कचरा संग्रहण की नई व्यवस्था में नगर परिषद मौजूदा वाहनों को ही उपलब्ध करवाएगा। इसका ब्योरा टेण्डर में अंकित होगा। वहीं इससे अतिरिक्त जरुरत पडऩे पर संवेदक स्वंय संसाधन की व्यवस्था करेगा। शहर में घर घर कचरा संग्रहण की व्यवस्था करीब एक माह से गड़बड़ा रही है। यूं तो वर्तमान में नगर परिषद के पास 2 डम्पर, 2 ट्रैक्टर ट्राली, एक लोडर मशीन समेत 28 ऑटो टिपर तथा 20 ई-रिक्शा हैं। सूत्रों ने बताया कि इनमें से करीब आधे ऑटो टिपर व ई रिक्शा तो खराब होकर सुधरने के लिए पड़े हुए हैं। शहर में 35 से 40 टन कचरा प्रतिदिन निकलता है। इसे वाहनों के माध्यम से संग्रहण करके नियाना स्थित कचरा निस्तारण केन्द्र पर भिजवाया जाता है।
क्या है आरएफआईडी आरएफआईटी यानी कि रेडियो फ्ऱीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन वायरलेस संचार का एक रूप है। यह किसी वस्तु, जानवर या व्यक्ति की विशिष्ट पहचान के लिए विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के रेडियो फ्ऱीक्वेंसी हिस्से में विद्युत चुम्बकीय या इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज के संकतों को पकड़ता है। इसमें स्कैङ्क्षनग एंटीना, ट्रांसीवर और ट्रांसपोंडर होते हैं। जब स्कैङ्क्षनग एंटीना और ट्रांसीवर को मिला दिया जाता है, तो उन्हें आरएफआईडी रीडर कहा जाता है। एक बार सक्रिय होने के बाद, टैग एंटीना को एक तरंग वापस भेजता है, जहां इसे डेटा में बदल दिया जाता है।
ड्राइवर जानबूझकर गाडिय़ों को ब्रेकडाउन कर रहे हैं। इसके कारण व्यवस्था बिगड़ रही है। परिषद की महंगी गाडिय़ों पर करीब एक दर्जन जिम्मेदार ड्राइवरों को लगाया गया है। अब आगे घर-घर कचरा संग्रहण करने के लिए बड़ी कम्पनी को टेण्डर देकर कार्य करवाया जाएगा। मई माह में स्वीकृति के बाद जून से इसकी प्रक्रिया शुर करवाई जाने की उम्मीद है। अब घर-घर कचरा संग्रहण पर शुल्क लगाया जाएगा।
भुवनेश मीना, अधिशासी अभियन्ता, नगर परिषद बारां