scriptअब साकार होगा निशुल्क शिक्षा का ‘सपना’ | Now the 'dream' of free education will come true | Patrika News

अब साकार होगा निशुल्क शिक्षा का ‘सपना’

locationबारांPublished: Oct 09, 2021 11:20:47 pm

Submitted by:

mukesh gour

गरीब को मिलेगा निजी स्कूलों में प्रवेश का मौका

अब साकार होगा निशुल्क शिक्षा का 'सपना'

अब साकार होगा निशुल्क शिक्षा का ‘सपना’

बारां. कोरानाकाल में बंद हुए छोटे बच्चों के सरकारी व गैर सरकारी स्कूल खोलने के बाद सरकार को गरीब परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में निशुल्क दाखिला देने की याद आ गई है। सरकार के निर्देशानुसार शिक्षा विभाग की ओर से निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत महंगे बड़े निजी स्कूलों में जरूरतमंद गरीब परिवारों के बच्चों को निशुल्क प्रवेश देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा बीकानेर की ओर से 8 अक्टूबर को संशोधित टाइम फ्रेम जारी किया गया है। इसके तहत 11 अक्टूबर से आरटीई के तहत ऑनलाइन आवेदन शुरू किए जाएंगे। दुर्बल वर्ग व असुविधाग्रस्त समूह के अभिभावकों को इस योजना से खासी राहत मिलेगी, लेकिन प्रक्रिया शुरू करने में देरी हो गई है। वर्तमान में जिले के 566 निजी स्कूल संचालित हैं। इनमें कक्षा एक से 5वीं तक की कक्षाएं शुरू हो चुकी हंै।

पिछडऩे से बचने के लिए लगाना होगा जोर
आरटीई के तहत 11 अक्टूबर से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी, लेकिन सामान्य स्थिति में प्रक्रिया पूर्ण होने में करीब दो माह का समय लगेगा। विभाग की ओर से जारी किए गए टाइम फ्रेम के तहत आवेदनों की जांच, आवेदन पत्रों में संधोधन की आवश्यकता होने पर नियमानुसार संशोधन करने तथा ऑनलाइन चयन तथा चयन के बाद भी शेष सीटों पर आवंटन करने आदि प्रक्रिया पूर्ण होने में 30 नवम्बर तक का समय निर्धारित किया गया है। इस तरह दो माह बाद प्रवेश पाने वाले बच्चे को निजी स्कूल की सूरत दिखाई देगी। इस दौरान होने वाली देरी से स्कूल खुलने के साथ दाखिला लेने वाले बच्चों से करीब दो माह बाद उसकी पढ़ाई शुरू होगी। आरटीई वाले बच्चे गैर आरटीई वाले बच्चों से कक्षा में पिछड़ जाएंगे। उन्हें कक्षा की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए अभिभावकों को अधिक मेहनत करनी होगी।
निदेशालय की ओर से आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जारी किए गए टाइमफ्रेम के तहत 11 से 24 अक्टूबर तक आवेदन किए जाएंगे। सरकार के आदेशों से दुर्बल वर्ग के लोगों को खासी राहत मिलेगी।
रामपाल मीणा, सहायक निदेशक (सीडीईओ)

पत्रिका ने बताई पीड़ा
मामले को लेकर राजस्थान पत्रिका के चार अक्टूबर के अंक में ‘आरटीई में प्रवेश का सपना अधूराÓ शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई थी। खबर के माध्यम से पत्रिका ने आरटीई के तहत अपने नौनिहालों को निजी स्कूलों में निशुल्क दाखिला दिलाने से वंचित हो रहे अभिभावकों की पीड़ा उजागर की थी। शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन व राज्य सरकार का भी ध्यानाकर्षण करने का प्रयास किया गया था। इसके चार दिनों बाद ही शिक्षा निदेशालय की ओर से आरटीई के तहत प्रवेश के लिए टाइम फ्रेम जारी किया गया। इस आदेश के बाद कई अभिभावक ऑनलाइन आवेदन करने की तैयारी में जुट गए हंै।

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