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बेथली बांध की ऊंचाई बढ़ाने का विरोध, दी आंदोलन की चेतावनी

पूर्व में भी दो बार बांध की ऊंचाई 1.65 मीटर बढ़ाई जा चुकी है, इससे कृषि पर व्यापक असर पड़ा है। बार-बार ऊंचाई बढ़ने से किसानों में रोष

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बारां

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Mukesh Gaur

Dec 08, 2025

पूर्व में भी दो बार बांध की ऊंचाई 1.65 मीटर बढ़ाई जा चुकी है, इससे कृषि पर व्यापक असर पड़ा है। बार-बार ऊंचाई बढ़ने से किसानों में रोष

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-ग्रामीणों व किसानों ने एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा

-सकारात्मक निर्णय नही लेने पर एक माह बाद आंदोलनात्मक रूख अपनाने की चेतावनी

छबड़ा. पार्वती बेथली लिंक परियोजना के तहत बेथली बांध की ऊंचाई बढ़ाने के मामले में अब विरोध के स्वर गूंजने लगे हैं। सोमवार को बड़ी संख्या में उपखंड कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों व किसानो ने एसडीएम रामसिंह गुर्जर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर बांध की ऊंचाई बढ़ाए जाने पर रोक लगाए जाने की मांग की। यह पूरी नहीं होने पर किसानों ने एक माह के बाद आंदोलनात्मक रूख अपनाए जाने की चेतावनी दी है।

इसलिए कर रहे विरोध

एसडीएम को सौंपे ज्ञापन में बताया कि बांध की अगर ऊंचाई बढ़ाई गई तो दर्जनभर गांव पूरी तरह जलमग्न हो जाएंगे और हजारों लोगों को खेत, घर, खलिहान व चरागाह छोड़कर विस्थापित होना पड़ेगा। ग्रामीणों ने बताया कि बांध की ऊंचाई बढ़ने से कड़ैयाहाट, अहमदपुरा, चिलपुरा, रसुलपुरा, हास्याखेड़ी, फलिया, गागन्याखेड़ी, मुकंदखेड़ी, पीपलखेड़ी सहित अन्य गांव जलभराव से प्रभावित होंगे। हजारों बीघा उपजाऊ जमीन और चरागाह क्षेत्र जलमग्न हो जाने की संभावना बढ़ जाएगी। इससे कृषि पर आधारित किसानों की आजीविका संकट में आ़ जाएगी और कई किसान भूमिहीन हो जाएंगे। इससे उनकी रोजी-रोटी पर संकट उत्पन्न हो जाएगा।

पहले भी दो बार बढ़ा चुके ऊंचाई

ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा कि पूर्व में भी दो बार बांध की ऊंचाई 1.65 मीटर बढ़ाई जा चुकी है, इससे कृषि पर व्यापक असर पड़ा है। बार-बार ऊंचाई बढ़ने से किसानों में रोष है। सरकार के इस निर्णय से चरागाह खत्म होने और पशुधन के सामने गंभीर स्थिति पैदा उत्पन्न हो जाएगी। ग्रामीणों ने चेतावनी भरे स्वर में कहा कि जब तक परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से जारी नहीं होती है और किसानों की सर्वसम्मति नहीं मिलती है तब तक प्रस्तावित किसी भी तरह की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाई जाए।

जनसुनवाई करवाने की मांग उठाई

ग्रामीणों ने डीपीआर रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने, किसानों व पंचायतों की व्यापक जनसुनवाई आयोजित करने के साथ-साथ बांध की ऊंचाई बढ़ाने के प्रस्ताव पर तत्काल रोक लगाई जाने की मांग की हैं। यहां पंचायत समिति डायरेक्टर एडवोकेट दिग्विजय सिंह, एडवोकेट चिरंजीवलाल भार्गव, हेमंत पारीक, राजेश भार्गव, देवेंद्र मेहता, श्रीराम सिंह गुर्जर, वीपी यादव, राजवीर यादव, ओमप्रकाश मीना, दीपक त्यागी, हरिओम गुर्जर, मेहरवान यादव, लोकेश पंकज, रामप्रसाद वर्मा, मजबूत लोधा, मुरारीलाल मीना, रोशन मीना, ईश्वरलाल मीना आदि किसान व ग्रामीण मौजूद थे।