क्षेत्रीय वन अधिकारी जितेंद्र खटीक ने बताया कि गुरुवार को रेंज की उडऩदस्ता टीम एवं किशनपुरा नाके की टीम वालंटियर्स की सहायता से अवैध रूप से तेंदूपत्ता निकासी की रोकथाम के लिए गश्त कर रही थी। पैदल गश्त के दौरान टीम को एंटीपोङ्क्षचग भरतपुर के पास पीछे पहाड़ी पर हलचल सुनाई दी। यह सुनकर टीम सतर्क हो गई। इसके बाद टीम ने इलाके की चारों तरफ से घेराबंदी कर दी। घटनास्थल पर पहुंचने पर टीम ने देखा कि तीन शिकारी किसी वन्यजीव को ले जाते नजर आए। जब टीम इनके पास पहुंचने लगी तो इनके साथ मौजूद पालतू कुत्ते शोर करने लगे। वर्दी में टीम नजर आने पर वे वन्यजीव का शव, तांबे के सामान व टोपीदार बंदूक को मौके पर ही फेंक कर तीनों शिकारी भागने की कोशिश करने लगे। थोड़ी दूर ही एक आरोपी कालूलाल पुत्र गेंदीमल निवासी अकावदखुर्द वन विभाग की टीम की गिरफ्त में आ गया। उससे मौके से दो मृत जंगली सूअर, बंदूक में भरने के लिए विस्फोटक, छुरा भी बरामद किया गया। मृत जंगली सुअरों को कोटा चिडिय़ाघर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
टीम ने शिकारी से जब अन्य दो फरार आरोपियों के बारे में पूछताछ की तो आरोपी ने दोनों को अपना पुत्र महेंद्र एवं रामभरोस निवासी अकावद खुर्द बताया। इसके बाद टीम निशानदेही पर इनकी टापरी पहुंची। जहां तीर-कमान, खून से सना छुरा, विस्फोटक से भरी बोतल, कांच का शीशा, जंगली सुअर का एक दांत, बाज के पंख आदि जब्त किए गए।
श्वानों की मदद से किया शिकार टीम के अनुसार, संभवत: शिकारियों ने कुत्तों की मदद से सूअरों का पीछा किया और फिर धारदार हथियार से वार कर उन्हें मारा। सूअरों के शरीर पर धारदार हथियार के घाव पाए गए।
जल्द ही गिरफ्तार होंगे दोनों शिकारी रेंजर जितेंद्र खटीक ने बताया कि जल्द ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उनसे वन्यजीवों के शिकार के कई तरह के खुलासे हो सकते हैं। कैथोड़ी राजस्थान की वह आदिम जनजाति है जो किसी भी जीव को खा जाती है एवं एक मात्र ऐसी जनजाति है जो बंदरों का शिकार कर उन्हें भी खाते हैं।
यह रहे टीम में शामिल इस कार्रवाई को अंजाम देने में उडऩदस्ता प्रभारी मुकेश नाथ एवं किशनपुरा नाका प्रभारी अनीता चौधरी का विशेष योगदान रहा। साथ ही वनरक्षक पूजा शर्मा, विनोद, बलवान, नरेंद्र वैष्णव, बनवारी, प्रह्लाद, सत्यपाल, राकेश भैरा, वाहन चालक अनिल शामिल रहे।
शिकार कर बाज को खा गए आरोपी कालूलाल ने बताया गया कि बाज को उन्होंने शिकार कर खा लिया। आरोपी से लगातार पूछताछ की जा रही है। उसने दो और स्थान बताए, वहां पर भी देर रात्रि गुरुवार को दबिश दी गई पर उसके दोनों पुत्र वहां नहीं मिले। कालूलाल को रात के लिए कस्टडी में रखा गया। इससे पहले पूर्व राजकीय उप जिला चिकित्सालय अटरू से मेडिकल करवाया गया। साथ ही शिकार किये गये जंगली सूअर 1 नर व 1 मादा को पोस्टमार्टम के लिए कोटा चिडिय़ाघर भेजा गया है। मुल्जिम को शुक्रवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अटरू के समक्ष पेश किया। वहां से उसे रिमाण्ड पर पूछताछ की जा रही है।